PV Sindhu

नई दिल्ली । भारत की पहली विश्व बैडमिंटन चैंपियन पी वी सिंधू का स्वदेश लौटने पर जोरदार स्वागत किया गया, लेकिन उन्होंने कहा कि वह अब भी उसी अहसास में जी रही हैं। ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू ने स्विट्जरलैंड के बासेल में रविवार को जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर खिताब जीता। वह जब सोमवार को राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के साथ हवाई अड्डे पर पहुंची तो लोगों ने उन्हें घेर दिया। व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद इस 24 वर्षीय खिलाड़ी के चेहरे पर मुस्कान थी तथा उन्होंने हवाई अड्डे पर मौजूद समर्थकों और मीडिया को पूरी तवज्जो दी। सिंधू से एक साथ कई सवाल पूछे गये, उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में खुश हूं। मुझे अपने देश पर बहुत गर्व है। इस जीत का लंबे समय से इंतजार था और मैं इससे बहुत खुश हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह अहसास अब भी बना हुआ है और हमें जश्न मनाने का खास मौका नहीं मिला क्योंकि मैच के बाद हम जल्दी वापस आ गये और फिर अगले दिन हमने भारत के लिये उड़ान पकड़ ली।’’ इस हैदराबादी को विश्व चैंपियन बनने के बाद विश्राम का कम समय मिला। आज वह खेल मंत्री कीरेन रीजीजू से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने जाएंगी। सिंधू से पूछा गया कि अब ओलंपिक में एक साल से भी कम समय रह गया है तब उनकी क्या योजनाएं हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मैं कड़ी मेहनत करूंगी और अधिक से अधिक पदक जीतने की कोशिश करूंगी।’’ सिंधू ने पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान भावुक पलों को भी बयां किया। जब राष्ट्रगान बज रहा था तो उनकी आंखों में आंसू छलक आये थे। वह इससे पहले विश्व चैंपियनशिप में दो बार रजत और दो बार कांस्य पदक जीत चुकी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे आंसू निकल आये और भावनाएं मुझ पर हावी थी। यह मेरे लिये शानदार क्षण था। मेरे सभी प्रशंसकों का आभार। आपकी दुआओं से ही यह संभव हो पाया। मैं अपने कोच गोपी सर और किम (जी ह्यून) का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। उन्होंने काफी प्रयास किये और मेरे खेल में कुछ बदलाव किये। ’’ दक्षिण कोरिया के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी किम इस साल के शुरू में गोपीचंद की सिफारिश पर कोचिंग स्टाफ में जुड़े थे। सिंधू ने सरकारी एजेंसियों और भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) का भी सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘स्वागत वास्तव में बेहद शानदार था। मैं भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ), भारतीय बैडमिंटन संघ, खेल मंत्री और सरकार का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। इन सभी ने बहुत सहयोग किया। ’’ गोपीचंद ने कहा कि सिंधू का स्वर्ण विशेष है लेकिन इस प्रतियोगिता में उनके पूर्व के पदकों को भी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह अभूतपूर्व है। यह इंतजार निश्चित तौर पर लंबा रहा लेकिन उसने जो भी पदक जीता वह खास है। ’’ गोपीचंद ने कहा, ‘‘हमने पहले रजत और कांस्य जीते थे। स्वर्ण पर सवालिया निशान लगा था। इस जीत के साथ ओलंपिक में जाना शानदार है। उसने जिस दबदबे के साथ यह जीत दर्ज की वह वास्तव में आनंददायक रहा। ’’

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