दिल्ली :- 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसको सख्ती से देखते हुए लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने एक गाइडलाइन जारी की है जिसमें राजनीतिक दलों से पोस्टर और पर्चों समेत प्रचार की किसी भी सामाग्री में बच्चों का किसी भी तरह से इस्तेमाल करने की मनाही की गई है। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को भेजे गए परामर्श में कहा है कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों।

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आयोग ने प्रचार -प्रसार में बच्चों के इस्तेमाल पर कहा-

अपने एक बयान में आयोग ने कहा है कि ‘किसी भी तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर भी यह प्रतिबंध लागू है, जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न का प्रदर्शन शामिल है।’ आयोग ने आगे कहा कि यदि कोई नेता जो किसी भी राजनीतिक दल की चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है और कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके पास केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।

ये होगी कार्रवाई-

इसके साथ ही आयोग ने बच्चों से प्रचार कराने पर पकड़े जाने पर कार्रवाई के बारे में बताया कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) द्वारा संशोधित बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। अपनी गाइडलाइन में आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि संशोधित अधिनियम, 2016 का सभी राजनीतिक दलों को बच्चों को चुनाव प्रचार शामिल न करना सुनिश्चित करें और दल अपने उम्मीदवारों को इसकी अनुमति न दें।

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