नई दिल्ली, एसपीएन न्यूज नेटवर्क। मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका पर गुजरात के सूरत सत्र न्यायालय में सुनवाई हो रही है। राहुल गांधी ने याचिका दायर कर सजा पर रोक लगाने की मांग की है। बता दें कि अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है। अदालत में राहुल के वकीलों की टीम मौजूद है।

तीन अप्रैल को दाखिल की थी अपील

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने इसी तीन अप्रैल को सूरत की अदालत पहुंचकर अपील दायर की थी। अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। राहुल के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सुक्खू और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी थे।

राहुल की याचिका का विरोध

वहीं, बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए राहुल गांधी की याचिका का विरोध किया है। उन्होंने सूरत की एक अदालत में कहा कि कांग्रेस नेता बार-बार इस तरह का अपराध करते हैं। उन्हें अपमानजनक बयान देने की आदत है। पूर्णेश ने आगे कहा कि अपील दायर करने के लिए राहुल गांधी जिस ढंग से पेश हुए, वह उनके अहंकार और अदालत पर दबाव बनाने की मनोदशा को दर्शाता है।

मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर हुई सजा

बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। राहुल के खिलाफ 2019 में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया था। राहुल को सजा सुनाए जाने के बाद वायनाड से उनकी लोकसभा की उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।

क्या है राहुल गांधी की विवादित टिप्पणी?

साल 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए प्रछार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के बेंगलुरु से 100 किमी दूर कोलार में एक सभा को संबोधित किया था। राहुल ने कहा था कि सभी चोर मोदी क्यों हैं, और कितने मोदी निकलेंगे। राहुल के इस बयान के खिलाफ पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।

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