कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है. इस एलान के साथ ही राज्य में चुनावी मुद्दे क्या होंगे इसको लेकर सवाल पूछने लगे हैं.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया. इस मुद्दे को लेकर ही राज्य में सत्ता के लिए जनता की अदालत में फैसले के लिए खड़ी राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी मुद्दे क्या होंगे इसको लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. चुनावी विशेषज्ञों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा?
क्या ये चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा जाएगा, क्या ये चुनाव हिजाब के मुद्दे पर लड़ा जाएगा, या फिर ये चुनाव मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर लड़ा जाएगा? ऐसे में हम आपको बताएंगे कि किन राजनीतिक पार्टियां किस मुद्दे के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगी.
क्या है बीजेपी के चुनावी मुद्दे?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के एलान के बाद ही इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि आखिर यहां पर बीजेपी के लिए चुनाव के क्या मुद्दे हो सकते हैं. बीजेपी राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी है और वह अपने कार्यकाल में कराए गए विकास के कामों को गिनवा सकती है.
वहीं बीजेपी राज्य में हिजाब विवाद को भी उठा सकती है, इसके साथ ही वह लिंगायत आरक्षण के भी बात करने की संभावना है. इसके अलावा वह धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की बात कर सकती है. इसके साथ ही टीपू सुल्तान और हनुमान जन्मभूमि बड़े मु्द्दे माने जाएंगे.
क्या है विपक्ष के चुनावी मुद्दे?
राज्य में विपक्ष के पास भी काफी चुनावी मुद्दे हैं. जिनमें सबसे पहले कांग्रेस सत्तारूढ बीजेपी को कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर घेर सकती है और इसको राज्य की अस्मिता का मुद्दा बना सकती है. वहीं कांग्रेस OPS बहाली का वादा कर सकती है.
राज्य में कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने के बाद BPL परिवारों को मुफ्त चावल मिलेगा. यही नहीं कांग्रेस ने वादा किया है कि वह 200 युनिट फ्री बिजली देने का भी वादा किया है. वहीं कांग्रेस गरीब परिवार की एक गृहणी को 2000 रुपए प्रति महीना देने का भी वादा कर रही है. कांग्रेस ने कहा, डिग्रीधारक बेरोजगारों को 3 हजार और डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपए महीना बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का भी वादा किया है.