बेंगलुरु. कर्नाटक में 9 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के प्रोग्राम एक ही दिन होने जा रहे हैं. कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा के चुनाव (Karnataka Assembly Elections-2023) को देखते हुए माना जा रहा है कि अब दोनों नेताओं में एक सीधी सियासी टक्कर देखने को मिल सकती है. बताया जा रहा है कि देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों- भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के प्रमुख नेता अलग-अलग कार्यक्रमों में चुनावी रणभेरी बजाएंगे. कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोलार से पांच अप्रैल को ‘सत्यमेव जयते’ कार्यक्रम शुरू करने वाले थे, लेकिन उन्होंने इसे 9 अप्रैल के लिए स्थगित कर दिया है.

कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी एक कार्यक्रम पहले से निर्धारित है. PM मोदी 9 अप्रैल को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा लेंगे. कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव के लिए इस बार 10 मई को वोटिंग होगी. जबकि चुनाव का रिजल्ट 3 दिन बाद यानी 13 मई को मतगणना के बाद घोषित कर दिया जाएगा. कांग्रेस पार्टी के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद ने कोलार में मीडिया से कहा कि ‘अदालत द्वारा दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. इसलिए पार्टी ने कोलार से संविधान को बचाने के लिए अपनी लड़ाई शुरू करने का फैसला किया है.’

सलीम अहमद ने कहा कि भारत में मौजूदा घटनाक्रम ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या यह अब भी एक लोकतांत्रिक देश है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने अपना कार्यक्रम शुरू करने के लिए जानबूझकर 9 अप्रैल की तारीख का चयन किया है, क्योंकि उसी दिन PM मोदी मैसूर में होंगे. गौरतलब है कि कर्नाटक के कोलर में ही 2019 में राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ वाला बयान दिया था. जिसके कारण सूरत की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई. जिसकी वजह से उनकी सांसदी चली गई. सत्यमेव जयते प्रोग्राम के जरिये राहुल गांधी ने ये साबित करना चाहते हैं कि उनको फंसाकर संसद की सदस्यता के अयोग्य ठहराया गया है.

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