UP Nagar Nikay Chunav 2023: प्रदेश में दो चरणों में होने वाले निकाय चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन होगा. इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कड़े कोविड प्रोटोकॉल निर्धारित करेगा. कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघ करने पड़े कार्रवाई भी होगी. दरअसल, पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में कोरोना दोगुनी रफ्तार से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 232 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद यूपी में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 991 तक पहुंच गई है. चिंता की बात ये है कि पिछले एक हफ्ते में कोरोना के मरीजों की संख्या में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है. यही वजह है कि राज्य निर्वाचन आयोग कोरोना प्रोटोकॉल और राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं.
ये नियम लागू हो सकते हैं: कोविड प्रोटोकॉल के तहत निर्वाचन आयोग सभी चुनावकर्मियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाया जाना अनिवार्य कर सकता है. इसी तरह कोविड नियमों के उल्लंघन पर महामारी एक्ट, NDMA और IPC धाराओं के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है. बताया जा रहा है कि चुनाव में सभी पात्र अधिकारियों को प्रीकोशनरी डोज लगाये जाना अनिवार्य किया जाएगा.
लगातार बढ़ रहे कोरोना केस
उत्तर प्रदेश में कोविड मामलों में वृद्धि जारी रहने के साथ ही कुल मामलों की संख्या 1,025 हो गई है. गौतम बुद्ध नगर में 52, गाजियाबाद में 27 और लखनऊ में 26 के साथ शनिवार को 188 नए मामले सामने आए. राज्य की राजधानी में, चार नए मामले अलीगंज से और सरोजिनी नगर से, तीन आलमबाग से और दो चिनहट से सामने आए. लखनऊ में सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 177 हो गई है. लखनऊ में, लोक बंधु अस्पताल में चार सहित आठ कोविड रोगियों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
मौजूदा समय में 60 जिलों में सक्रिय कोविड मामले हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इनमें से एक दर्जन जिलों में एक-एक मामला है और छह जिलों में दो-दो मामले हैं. संक्रामक रोग, राज्य स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ ए.के. सिंह ने कहा कि सोमवार को एक मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है. हम राज्य भर में कोविड रोगियों के उपचार के लिए आवश्यक सभी सुविधाओं की जांच करेंगे. लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को रोटेशन कोविड ड्यूटी के लिए स्टाफ तैयार करने और जरूरत पड़ने पर संक्रमितों को भर्ती करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बेड और वार्ड की पहचान करने को कहा है.