“मुख्यमंत्री पद बाद में आता है, हमेशा पार्टी पहले है”- यह बात कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने 5 अप्रैल को नई दिल्ली में ‘द क्विंट’ से कही.
डीके शिवकुमार ने कहा, “मेरी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि पार्टी कर्नाटक में बहुमत हासिल करे. सीएम के मुद्दे पर, पार्टी जो भी फैसला करेगी, मैं उसका पालन करूंगा.”
5 अप्रैल को, डीके शिवकुमार ने दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में पत्रकारों के एक ग्रुप के साथ एक बंद कमरे में बात की. सवाल-जवाब के इस बैठक में चर्चा ज्यादातर कर्नाटक में आगामी चुनावों, कांग्रेस की संभावनाओं, स्थानीय गतिशीलता और निश्चित रूप से बड़े सवाल पर केंद्रित थी कि अगर कर्नाटक में कांग्रेस बहुमत हासिल करती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा?
मुख्यमंत्री पद के सवाल पर साधी चुप्पी
डीके शिवकुमार से जब कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया के साथ उनकी प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी साफ कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने बस इतना कहा, “पार्टी जो भी फैसला करेगी, मैं उसका पालन करूंगा.”
कांग्रेस का मानना है कि शिवकुमार और सिद्धारमैया कर्नाटक चुनाव अभियान के दौरान साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस में टिकट चयन जैसे मुद्दों को लेकर कुछ मतभेद हुए हैं, लेकिन जितना अनुमान लगाया जा रहा था, उससे कहीं कम खींचतान हुई है.
कोई झंझट नहीं है. दूसरी लिस्ट तैयार है. बाकी सीटों पर भी जल्द फैसला किया जाएगा.
डीके शिवकुमार, कर्नाटक PCC चीफ
हालांकि, जब तक ये खबर पब्लिश हुई है तब तक कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है.
सिद्धारमैया (75) उम्र में डीके शिवकुमार (60) से बड़े हैं. राज्य के पूर्व सीएम होने के कारण उनकी मौजूदगी पूरे कर्नाटक में है. इसके अलावा, उनके पास ‘कुरुबा’ समुदाय का एक ठोस वोटबैंक हैं. दूसरी ओर डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं लेकिन उनको मालूम है कि जब तक पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा हैं, तब तक वो इस समुदाय के सबसे बड़े नेता नहीं बन पाएंगे.
हालांकि, शिवकुमार के पक्ष में ये बात हमेशा से जाती रही है कि वो संगठन के आदमी हैं, जो गिरफ्तारी और केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कई बार छापेमारी का सामना करने के बावजूद कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी से नहीं चूके.