नई दिल्ली. दिल्ली की सड़कों पर बहुत जल्द ही आपको ओला- उबर (Ola- Uber) और रैपिडो की बाइक टैक्सी गाड़ियां (Bike Taxi Vehicles) चलती नजर आएंगी. दिल्ली सरकार ने व्यावसायिक बाइक टैक्सी गाड़ियों को चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है. इन गाड़ियों को अब दिल्ली में चलाने के लिए परमिट लेने के साथ-साथ जीपीएस (GPS) लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है. दिल्ली सरकार पिछले दिनों सस्ते सफर और आखिरी छोर तक पहुंचाने के लिए बाइक टैक्सी को कानूनी मंजूरी प्रदान की है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि एग्रीगेटर योजना को कानून विभाग के पास भेजा गया था, जिसे विभाग ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब मई तक बाइक टैक्सी को सड़कों पर चलाने की मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है.
आपको बता दें कि दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने पर फिलहाल पाबंदी है. दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद ओला-उबर जैसी कंपनिया अब दिल्ली में भी बाइक टैक्सी चला सकेंगी. दिल्ली मोटर वाहन नियम, 2022 यात्रियों की सुरक्षा के प्रति जवाबदेही लाने के लिए सभी राइड-हेलिंग कंपनियों पर यह नियम लागू होंगे. ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनी फिलहाल दिल्ली-एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली में इन कैब कंपनियों को बाइक टैक्सी चलाने पर प्रतिबंध है. लेकिन, अब बाइक टैक्सी चलाने के लिए दिल्ली में कॉमर्शियल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही जीपीएस लगवाना अनिवार्य हो जाएगा.
दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने को मिली मंजूरी
कैलाश गहलोत ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. नीति में इसका पूरा ख्याल रखा गया है. इसके साथ ही अभी लोग निजी दोपहिया वाहन को टैक्सी के रूप में चला रहे हैं. नई नीति में यह संभव नहीं होगा. कॉमर्शियल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन के साथ नंबर प्लेट भी काली पीली होगी. दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से ऐप बेस्ड बाइक टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली योजना को कानून विभाग से मंजूरी मिल गई है.
100 फीसदी इलेक्ट्रिक गाड़ियों का लक्ष्य
इस फैसले के बाद दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने वाली कंपनी को फिलहाल कुल दोपहिया वाहनों में 10 प्रतिशत इलेक्ट्रिक यानि ई-दोपहिया वाहन रखने होंगे. इस वित्त वर्ष के आखिर में 25 प्रतिशत करना होगा. साथ ही अगले 2 सालों में 50 प्रतिशत, अगले तीन सालों में 75 प्रतिशत और चार साल के बाद 100 फीसदी इलेक्ट्रिक दोपहिया को बेड़े में शामिल करना अनिवार्य होगा.
दिल्ली में अब बाइक टैक्सी के लिए परमिट लेना अनिवार्य होगा. साथ ही बुकिंग के समय ऐप पर चालक की जानकारी देनी होगी, जो अभी भी कैब कंपनियां दे रही हैं. कैब का लाइसेंस लेते समय चालकों का पुलिस वैरिफिकेशन जरूरी होगा. इसके साथ ही कैब कंपनियां 24 घंटे और सातों दिन काम करने वाला एक नियंत्रण कक्ष बनाना होगा. आरटीओ ऑफिस में बाइक का कॉमर्शियल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. बाइक में जीपीएस लगवाना और सिर्फ मोबाइल ऐप के जरिए ही यात्री बुकिंग कर सकेंगे.