कोच्चि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम में डिजिटल साइंस पार्क की आधारशिला रखी और कोच्चि वाटर मेट्रो एवं विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया.पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि केरल बहुत ही जागरूक, समझदार और शिक्षित लोगों का प्रदेश है. यहां के लोगों का सामर्थ्य, विनम्रता, परिश्रम उनकी एक विशिष्ट पहचान बनाता है. आप सभी देश-विदेश की परिस्थितियों से भी भली भांति परिचित रहते हैं. आज केरल को अपनी पहली वंदे भारत ट्रेन मिली है, आज कोच्चि को वाटर मेट्रो की सौगात मिली है. कनेक्टिविटी के साथ-साथ आज केरल के विकास से जुड़े और भी कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है. इन सभी के लिए केरल के लोगों को बहुत-बहुत बधाई.
पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार सहकारी संघवाद(Cooperative Federalism) पर बल देती है. राज्यों के विकास को देश के विकास का सूत्र मानती है. केरल का विकास होगा, तो देश का विकास और तेज होगा. हम इस सेवा भावना के साथ काम कर रहे हैं. बीते 9 वर्षों में भारत में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड और स्केल पर काम किया जा रहा है. इस साल के बजट में भी हमने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक इंफ्रा पर खर्च करना तय किया है.
उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती हुई शक्ति, इसकी ताकत का लाभ विदेश में रहने वाले प्रवासियों को भी मिल रहा है. भारत में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व स्पीड से अभूतपूर्व स्केल पर काम किया जा रहा है. आज हम देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर का पूरी तरह से कायाकल्प कर रहे हैं. हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की तरफ बढ़ रहे हैं.
पटरी पर नहीं अब पानी पर मेट्रो
- कोच्चि: देश का पहला वाटर मेट्रो
- पहला चरण व्यित्तला-कक्कनाडा के बीच
- कोच्चि और पास के 10 द्वीपों को जोड़ेगी
- हर 15 मिनट पर मिलेगी मेट्रो
- कुल 78 इलेक्ट्रिक नौकाएं शामिल
- पहले चरण में 23 नौका और 14 टर्मिनल
- सोलर पैनल, बैटरी से चलेगी वाटर मेट्रो
- प्रोजेक्ट पर 1,137 करोड़ की लागत
- किफ़ायती यात्रा और समय की बचत
- हाइकोर्ट-वाइपिन रूट: सिंगल जर्नी टिकट 20 रुपये का
- व्यित्तला-कक्कनाडा रूट: सिंगल जर्नी टिकट 30 रुपये का
- साप्ताहिक, मासिक, तीन महीने का पास भी उपलब्ध
- कोच्चि वन ऐप के जरिए मोबाइल क्यूआर टिकट बुकिंग की सुविधा
पीएम मोदी ने कहा कि देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाने की दिशा में हमने एक और प्रयास किया है. हमारा प्रयास स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ‘मेड इन इंडिया’ समाधान देने का है. सेमी-हाई स्पीड ट्रेन हो, रो-रो फेरी हो, रोप-वे हो… जहां जैसी जरूरत, वहां वैसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है. अभी तक जितनी भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चली हैं उनकी एक विशेषता यह भी है कि वो हमारे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन स्थलों को भी जोड़ रही है. केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन भी नॉर्थ केरल को साउथ केरल से जोड़ेगी. आधुनिक सुविधाओं से लैस यह ट्रेन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना तेज गति से यात्रा का शानदार अनुभव देगी. सड़क हो, रेल हो, ये अमीर-गरीब, जाति-मत-पंथ का भेद नहीं करते. सभी इसका उपयोग करते हैं. यही सही विकास है. यही एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को सशक्त करता है और यही हम आज भारत में होते हुए देख रहे हैं.