नई दिल्ली :कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी है. ‘मोदी सरनेम’ मामले में टिप्पणी को लेकर सूरत कोर्ट की ओर से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद यह फैसला हुआ है. आर्टिकल 102(1)(e) के तहत यह फैसला किया गया है. सूरत कोर्ट के फैसले वाले दिन यानी 23 मार्च से राहुल गांधी की सदस्यता चली गई है. गौरतलब है कि मोदी सरनेम वाले मानहानि केस (Defamation Case) में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को गुरुवार को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि, कोर्ट ने उनको तत्काल जमानत भी दे दी. साथ ही उन्हें ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत देते हुए उनकी सजा को निलंबित किया था. यह कहती है लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3)
दरअसल, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सज़ा सुनाई जाती है, वह संसद सदस्य रहने के लिए अयोग्य हो जाता है.राहुल गांधी को दो साल की सजा मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने गुरुवार को ही कहा था कि राहुल दो साल की जेल की सजा के साथ एक सांसद के रूप में स्वत: अयोग्य हो जाते हैं हालांकि यह सजा अपने आप में “विचित्र” है.मशहूर वकील तथा BJP के सांसद महेश जेठमलानी ने भी NDTV से बातचीत में कहा, “कानून के मुताबिक वह अयोग्य हैं, लेकिन इस फैसले की जानकारी स्पीकर को दी जानी होगी… लेकिन आज की तारीख में वह अयोग्य हैं…”
बीजेपी पर बदले की राजनीति का आरोप लगा रही कांग्रेस बता दें, राहुल को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कांग्रेस ने हमलावर मुद्रा अख्तियार कर रखा है. पार्टी ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने इस मुद्दे पर सोमवार से देशभर में प्रदर्शन करने का फैसला किया है.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया में गुरुवार को कहा था, “यह सब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष (राहुल गांधी) को संसद से बाहर रखने का प्रयास है क्योंकि वह सच बोलते हैं.” उन्होंने यह भी कहा था कि राहुल गांधी और कांग्रेस इस सरकार से सवाल पूछते रहेंगे और जनता की आवाज उठाते रहेंगे.