चरखी दादरी। शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए आओ स्कूल चलें अभियान चलाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की भी मदद ली जाएगी। मुहिम के तहत शिक्षक विद्यार्थी के माता-पिता से सीधा संपर्क करेंगे। इसके लिए राजकीय प्राथमिक शिक्षा एवं अध्यापक प्रशिक्षण केंद्र डाइट को नोडल एजेंसी बनाया गया है। अभियान के लिए प्रत्येक ब्लॉक से उन 10 स्कूलों का चयन किया जाएगा जिनमें छात्र संख्या कम है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं अध्यापक प्रशिक्षण परिषद गुुरग्राम की ओर से इस संबंध में डाइट्स में पत्र जारी किए गए हैं।
जिले के स्कूलों में एक अप्रैल से दाखिला प्रक्रिया चल रही है। प्राइवेट स्कूल प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। इसी तर्ज पर अब शिक्षा विभाग ने भी राजकीय स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए आओ स्कूल चलें अभियान चलाने का निर्णय लिया है। राजकीय स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने की दिशा में भी विभाग काम कर रहा है। स्कूलों में वाईफाई की सुविधा शुरू की गई है। पिछले दिनों संगीत विषय की सामग्री भी स्कूलों में पहुंचाई गई है। सांस्कृतिक व युवा संसद कार्यक्रम भी आयोजित करवाए जाते हैं।
बता दें कि राजकीय स्कूलों के शिक्षक भी दाखिला के लिए प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। शिक्षक ग्रामीणों से सीधे तौर पर संवाद कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन समिति व पंचायतों की भी मदद ली जा रही है। अब शिक्षा विभाग ने भी इसके लिए विशेष योजना तैयार की है। इस प्लान के तहत जिला के प्रत्येक ब्लॉक से 10 राजकीय स्कूलों का चयन होगा जहां छात्र संख्या कम है। इन स्कूलों में संख्या बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की भी मदद ली जाएगी। माता-पिता से संपर्क किया जाएगा। विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करवाई जाएंगी। साप्ताहिक कार्य योजना तैयार की जाएगी। लोगों को सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षण सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
डीईओ करेंगी मॉनीटरिंग
गतिविधियों की मॉनीटरिंग डीईओ की ओर से की जाएगी। शिक्षा विभाग अधिकारियों का कहना है कि प्रचार अभियान से लोगों को सरकारी स्कूलों में शिक्षण सुविधाओं का पता चल सकेगा। लोगोंं में इन स्कूलों के प्रति विश्वास जगेगा। सरकार राजकीय स्कूलों में बाल वाटिका खोलने पर भी काम कर रही है ताकि इनमें पांच साल तक के बच्चों को पढ़ाया जा सके। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस नीति पर जल्दी ही काम शुरू होने जा रहा है क्योंकि दाखिले का समय प्रतिदिन बीत रहा है। इसमें एबीआरसी व बीआरपी की भी मदद ली जाएगी।
जल्द ही इस अभियान को शुरू किया जाना है। जिन स्कूलों में छात्र संख्या कम है उनको ज्यादा फोकस किया जाएगा। अभिभावकों सीधे तौर पर संपर्क किया जाएगा। विभाग ने पूरी तैयार कर ली है। लोगों को चाहिए कि राजकीय स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिल करवाएं
कुलदीप सिंह, प्राचार्य, डाइट बिरहीकलां