स्पेस प्रहरी संवाददाता
बुलंदशहर। जिला अस्पताल में टीबी के मरीजों के उपचार के लिए तमाम कवायद क्षय रोग विभाग की ओर से की जा रही हैं लेकिन मरीज खुद ही टीबी के रोग को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सालभर में 53 क्षय रोग के मरीजों ने अधूरा उपचार छोड़ दिया है। विभाग की ओर से इस तरह के मरीजों की पहचान कर उनका उपचार के लिए प्रेरित किया जा रहा है लेकिन उनकी ओर से प्राइवेट अस्पतालों में बेहतर दवाएं और अन्य बहाने बनाकर टरका जा रहा है।जिला अस्पताल के क्षय रोग विभाग की ओर से टीबी के रोग से लड़ने के लिए रोगियों को रैली और अन्य कार्यक्रम कराएं जा रहे हैं। उनको अस्पताल में सुचारु रुप से दवा भी जा रही हैं। उसके बाद भी रोगी टीबी की बीमारी को लेकर लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं, विभाग की ओर से प्राप्त आकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से 12 दिसंबर तक 11,156 रोगी क्षय रोग के मामले में पंजीकृत हो चुके हैं। जिनको उपचार और दवा विभाग की निशुल्क प्रदान किया जा रहा है लेकिन फिर भी सालभर में 53 लोगों ने तमाम तरह की वजह बताकर अधूरा उपचार छोड़ दिया हैं। इस कारण अब उनकी सेहत को लेकर विभाग की ओर से चिंता जाहिर भी जा रही हैं। विभाग की ओर से इन रोगियों की पहचान करके उनको रोग की खतरनाक होने की सूचना भी जा रही है। निजी अस्पतालों से बेहतर और निशुल्क दवा और उपचार प्रदान करने की बात कहीं जा रही हैं । उसके बाद भी अधूरा उपचार छोड़ने वाले रोगियों की ओर से उपचार में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही हैं। वहीं, क्षय रोग विभाग भी अपने स्तर से रोगियों को सहायत प्रदान में मदद कर रहा हैं
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अधूरा उपचार छोड़ने वाले रोगियों निजी अस्पतालों में उपचार लेने की बात कह रहे। साथ ही अन्य बातें उनकी ओर से बताई जा रही है। फिर भी विभाग की ओर से इन रोगियों को अस्पताल से ही दवा और उपचार लेने के लिए जोर डाला जा रहा है। विभाग की ओर से तमाम प्रयास आगे भी किये जाएंगे
-डॉ हेमंत रस्तोगी, जिला क्षय रोग अधिकारी ,बुलंदशहर

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