बुलंदशहर के जहांगीराबाद निवासी मात्र 4 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और निर्मम हत्या के मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है इस मामले में दोषी फईम को मौत की सजा के आदेश पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद न्यायाधीश ने परंपरा को ध्यान में रखते हुए कलम की निब तोड़ दी। इस मामले में आठ दिन के अंदर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करते हुए फांसी की सजा को लेकर पुख्ता पैरवी की थी।बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद निवासी फईम नाबालिग से दुष्कर्म और निर्मम हत्या के मामले में बुधवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ध्रुव राय ने 2.5 माह के अंदर सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय दिया है। उपरोक्त मामले में आरोपी को सजा दिलाने में शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक समेत मोहम्मद आरिफ व् अभिनव अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा। सजा का एलान होते ही पीड़ित परिवार की आंखे छलक आईं। वहीं फैसला सुनते ही आरोपी सहम गया। जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक ने बताया कि जहांगीराबाद थाना अंतर्गत चार वर्षीय बालिका को टॉफी का लालच देकर आरोपी ने बालिका का दुष्कर्म किया। किसी को घटना की भनक न लगे इस मंशा से बालिका की निर्मम हत्या कर दी। लापता बेटी की तलाश में जुटे परिजन और पुलिस को दूसरे दिन में शव मिला। पुलिस ने संदिग्धों से पूछताछ की, तो आरोपी फईम का नाम सामने आया। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल किया।

आठ दिन में दाखिल हुई थी चार्जशीट

अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में आठ दिन के अंदर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करते हुए फांसी की सजा को लेकर पुख्ता पैरवी की। यह मामला विशेष न्यायधीश पॉक्सो ध्रुव राय की कोर्ट में चला। 2.5 माह के बाद बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ध्रुव राय ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि बुलंदशहर का अभी तक का पहला ऐसा मामला है जिसमें इतनी जल्दी फांसी की सजा पर सुनवाई हुई है।

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