नई दिल्ली: बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज पटियाला हाउस अदालत में पेश होंगे. दूसरी तरफ जेडीयू अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने भी गुरुवार को रांची की सीबीआई अदालत के समक्ष सरेंडर कर दिया है. वह चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं और उन्हें इलाज के लिए कोर्ट ने पेरोल दी थी जो खत्म हो 30 अगस्त को खत्म हो गई थी.
आईआरसीटीसी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को पेश होना है. पार्टी का हर नेता यही जानना चाहते है कि तेजस्वी यादव को कोर्ट से बेल मिलेगा या जेल जाना होगा? यह एक ऐसा मामला है जिसमें तेजस्वी यादव पहली बार कोर्ट में एक आरोपी के रूप में पेश होंगे. हालांकि लालू यादव के समर्थकों का कहना है कि इस मामले में जहां राबड़ी देवी और पार्टी सांसद प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता को महिला होने के आधार पर जमानत मिलने की संभावना अधिक है. वहीं तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ जेल और बेल का मामला उनके खिलाफ साक्ष्य और उसके बचाव के बीच तर्क में कौन किस पर भारी पड़ता है, इसके पर सारा कुछ निर्भर करता है.हालांकि तेजस्वी के नजदीकी लोगों का कहना है कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है. जांच के दौरान तेजस्वी यादव सीबीआई के बुलाने पर हमेशा हाजिर रहे, इसलिए अब ऐसा कोई हिरासत में पूछताछ के मामले का आधार नहीं बनता है. दूसरी बात यह पूरा मामला दस्तावेजों पर आधारित है इसलिए अगर जमानत मिल जाए तो ट्रायल पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन उनका यह भी कहना है कि जमानत न्यायाधीश के विवेक और ऐसे मामले में जांच एजेंसी की दलीलों पर बहुत हद तक निर्भर करता है.
आईआरसीटीसी मामले में अदालत ने लालू प्रसाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों को आज (31 अगस्त) को अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा था. बुधवार को दिल्ली रवाना होने के पूर्व राबड़ी देवी और तेजस्वी ने पटना में पत्रकारों से कोई खास बात नहीं की. तेजस्वी ने सिर्फ इतना कहा, “न्यायिक प्रक्रिया है, पूरा तो करना ही होगा.” वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईआरसीटीसी होटल आवंटन धनशोधन मामले में 29 अगस्त को राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ अपना पहला आरोप-पत्र दायर किया.
धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत यहां की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर की गई अभियोजन शिकायत (आरोप-पत्र) में ईडी ने प्रसाद के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद के नेता पी.सी. गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, लारा प्रोजेक्ट्स नाम की एक कंपनी और 10 अन्य को नामजद किया है.
क्या है आरोप
ईडी का आरोप है कि पुरी और रांची स्थित रेलवे के दो होटलों के अधिकारों के सब-लीज कोचर के स्वामित्व वाली मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में प्रसाद और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पदों का दुरूपयोग किया. होटल के सब-लीज के बदले पटना के एक प्रमुख स्थान की 358 डेसिमल जमीन फरवरी 2005 में मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (राजद सांसद पी.सी.गुप्ता के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी) को दे दी गई थी. उस वक्त के सर्किल दरों से काफी कम दर पर यह जमीन कंपनी को दी गई थी. ईडी ने आरोप-पत्र में कहा है, ‘काफी महंगी जमीन से लैस वह कंपनी धीरे-धीरे राबड़ी देवी और तेजस्वी को ट्रांसफर कर दी गई. बहुत ही मामूली कीमत पर शेयर खरीद कर ऐसा किया गया. ’
एजेंसी ने कहा, ‘जमीन हासिल करने के लिए इस्तेमाल में लाई गई धनराशि संदिग्ध स्रोत से आई थी और मेसर्स अभिषेक फाइनांस कंपनी लिमिटेड नाम की एक एनबीएफसी का इस्तेमाल करके पी.सी. गुप्ता से जुड़ी कंपनियों के जरिए उसका धनशोधन किया गया था. ’ इसके बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी ने उचित बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के शेयर खरीदे थे. आरोप-पत्र के मुताबिक, ‘यह गौर करने लायक है कि राबड़ी देवी की ओर से शेयरों की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए धन सवालों के घेरे में हैं और तेजस्वी ने जिनसे शेयर खरीदे, उन्होंने वह शेयर अपने पास होने से इनकार किया है. ’ ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में अब तक 44 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है. सीबीआई ने भी कुछ समय पहले इस मामले में एक आरोप-पत्र दायर किया था.