स्पेस प्रहरी ब्यूरो
मेरठ। जिला बार एसोसिएशन मेरठ के सभागार में एक बैठक आहूत की गई, जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष विक्रम सिंह तोमर तथा संचालन महामन्त्री प्रवीण कुमार सुधार ने किया। बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल द्वारा 14 मई को जारी पत्र में अधिवक्ताओं को अराजक तत्व बताया जाना एवं अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के पत्र में अधिवक्ताओं के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियों से अधिवक्ता समाज में काफी रोष व्याप्त है। जिसकी जिला बार एसोसिएशन, मेरठ के समस्त अधिवक्ताओं द्वारा कठोर शब्दों में निन्दा की गई। उक्त पत्रों को अधिवक्ताओं के प्रति बदले की भावना को दर्शाया होना बताया गया है। तथा संविधान द्वारा प्रदत्त सभी को न्याय के संरक्षण से वंचित करना दर्शित करता है। बार काउन्सिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा लिए गए निर्णय के अनुपालन में शुक्रवार को जिला बार एसोसिएशन, मेरठ के समस्त अधिवक्तागण शासन द्वारा जारी किए गए पत्रों के विरोध में विरोध दिवस मनाने की घोषणा की गई। इस सिलसिले में डीएम कार्यालय में एक ज्ञापन सीएम के नाम दिया गया।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा गया। जिसमें कहा गया कि जिला बार एसोसिएशन, मेरठ के समस्त अधिवक्तागण शासन से यह मांग करते हैं कि अधिवक्ता न्याय प्रणाली के अभिन्न व अविभाज्य अंग हैं। अधिवक्ता को व्ििपबमत व िज्ीम ब्वनतज का बर्ताव करते हुए कोई भी अमर्यादित टिप्पणी उनके विरुद्ध न की जाए। जनता के अधिकार अदालतों तक पहँच रखने का मूल अधिकार है, जिसको संवैधानिक मान्यता प्राप्त है, और अधिवक्ता इसकी महत्वपूर्ण कड़ी है। अधिवक्ता समाज शासन द्वारा जारी उपरोक्त पत्रों से बेहद आहत हुआ है। यदि अधिवक्ताओं को विश्वास में लेकर अविलम्ब कोई कदम नहीं उठाए गए तो जिला बार एसोसिएशन, मेरठ के सामने बार काउन्सिल ऑफ उत्तर प्रदेश के निर्देशन में रहकर आन्दोलन छेड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने विरोध दिवस मनाते हुए अपना आक्रोश जताया। वकीलों की ओर से डीएम कार्यालय में एक ज्ञापन सीएम के नाम दिया गया।