लंदन, शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल को मंगल के दक्षिण ध्रुवीय
‘आइस कैप’ के नीचे तरल रूप में पानी के संभावित अस्तित्व के नए साक्ष्य मिले हैं। किसी ग्रह का
उच्च अक्षांशीय क्षेत्र जो बर्फ से ढका हो उसे ‘आइस कैप’ कहते हैं।
‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ पत्रिका में प्रकाशित परिणाम, रडार के अलावा अन्य आंकड़ों का उपयोग करते हुए
मिले साक्ष्य इस बात के पहले स्वतंत्र संकेत प्रदान करते हैं कि मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे तरल
अवस्था में पानी है।
शेफील्ड विश्वविद्यालय की भागीदारी के साथ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने
इसकी ऊंचाई में सूक्ष्म पैटर्न की पहचान करने के लिए ‘आइस कैप’ की ऊपरी सतह के आकार के
अंतरिक्ष यान लेजर-अल्टीमीटर माप का उपयोग किया।
उन्होने इसके बाद दिखाया कि ये पैटर्न कंप्यूटर मॉडल की भविष्यवाणियों से मेल खाते हैं कि कैसे
‘आइस कैप’ के नीचे पानी का एक निकाय सतह को प्रभावित करेगा।
उनके परिणाम पहले के बर्फ-भेदक रडार मापों के अनुरूप हैं, जिनकी मूल रूप से बर्फ के नीचे तरल
रूप में पानी के संभावित क्षेत्र को दिखाने के लिए व्याख्या की गई थी।
सिर्फ रडार के आंकड़ों से तरल पानी के होने को लेकर की गई व्याख्या बहस का विषय है, और कुछ
अध्ययनों में सुझाया गया कि रडार के संकेत पानी के तरल रूप के कारण नहीं है।

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