प्रतिबंधित लकडियां का हो रहा कटान, वन विभाग मौन कच्ची गढी में लगती है लकडियों की बोली, सरकार को लगाया जा रहा चूना
स्पेस प्रहरी ब्यूरो सिद्धार्थ भारद्वाज शामली,गढ़ीपुख्ता, कैराना। वन विभाग की मिलीभगत से क्षेत्र के गांव कच्ची गढी में बिना लाईसेंस अवैध रूप से आरा मशीनों का संचालन कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इन आरामशीनों पर प्रतिबंधित लकडियों का भी कटान किया जा रहा है और वन विभाग पूरी तरह मौन साधे हुए है। गांव में करीब दो दर्जन आढती हैं जिन्होंने बडे-बडे बोर्ड भी लगा रखे हैं। आरा मशीन संचालक यहीं से लकडियां खरीदकर कटान में जुटे हुए हैं। जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा बिना लाइसेंस आरा मशीनों के संचालन पर पूरी तरह रोक लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद भी कई जगहों पर चोरी छिपे आरा मशीनों का संचालन किया जा रहा है। गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के कच्ची गढी गांव में भी ऐसी ही करीब एक दर्जन से अधिक आरा मशीनें बिना लाइसेंस धडल्ले से चलाई जा रही है। इन आरा मशीनों पर प्रतिबंधित लकडियों का भी कटान किया जा रहा है जिनमें आम, शीशम, सागौन, तुन, सिंबल आदि कीमती पेड शामिल हैं। सुबह के समय टैक्टर ट्रालियों के माध्यम से लकडियों को आरा मशीनों पर लाया जाता है जहां चोरी छिपे इन लकडियों का कटान किया जा रहा है, इस पूरे कार्य में वन विभाग की भी पूरी मिलीभगत है, हर माह मोटी रकम मिलने के चलते वन विभाग के अधिकारी ऐसी आरा मशीनों पर कार्रवाई करने के बजाय पूरी तरह मौन साधे हुए हैं। वहीं गांव में करीब दो दर्जन आढती भी हैं जिन्होंने बडे-बडे बोर्ड लगा रखे हैं, इन आढतियों के यहां प्रतिबंधित लकडियां आती हैं, ये आढती लकडियों की बोली लगाते हैं जिसके बाद आरा मशीन संचालक उन्हें खरीद लेते हैं, जो लकडियां बच जाती है उन्हें ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से यमुनानगर भेज दिया जाता है। ये आढती और आरा मशीन संचालक सरकार को कोई टैक्स भी नहीं देते हैं जिससे सरकार को हर माह लाखों रुपये के राजस्व की हानि उठानी पड रही है। बताया जाता है कि कई बार वन विभाग को इस संबंध में शिकायत भी की गयी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी जिसके चलते प्रतिबंधित लकडियों का कटान धडल्ले से किया जा रहा है। शामली लकड़ी आडत में भी क्षेत्र से अवैध हरे लकड़ लाकर बोली लगती हैं। हरे पेड़ो का कटान किस के आदेश पर हो रहा है कैराना में अवैध आरा मशीन किसके इशारों पर चल रही हैं लाइसेंस एक है फिर किसकी देख रेख में अवैध आरा मशीनों का संचालन किया जा रहा है।