नई दिल्ली, लोकसभा में एक बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक अहम टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि संसद ब्रिटिश काल के कानूनों को बदलने का प्रयास करे। रिपीलिंग ऐंड अमेडिंग बिल, 2019 को पेश किए जाने के दौरान स्पीकर ने कहा कि लोकसभा के सभी सांसद पुराने और अप्रचलित कानूनों को बदलने पर विचार करें।

पश्चिम बंगाल के सेरामपोर से तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ब्रिटिश काल से पहले के कानूनों की बजाय सरकार को अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए कानूनों को बदलने की कोशिश करनी चाहिए जैसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)। कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘कई बदलाव हुए हैं (ब्रिटिश जमाने के कानून के बाद) इसलिए नए कानून बनाने की जरूरत है।’ इसपर ओम बिरला ने कहा कि संसद को ब्रिटिश जमाने के कानून को नए कानून बनाकर खत्म करना चाहिए।

स्पीकर ओम बिरला का यह टिप्पणी काफी अहम है। स्पीकर लोकसभा के कार्यवाही में कई तरह के बदलाव कर रहे हैं। स्पीकर ने इस निचले सदन में अनुशासन पर कई बार चर्चा की है। मौजूदा अध्यक्ष ने यह भी कोशिश की है कि लोकसभा का समय कम जाया हो।

ओम बिरला जब से लोकसभा के स्पीकर बने हैं तब से सदन की कार्यवाही बहुत ही कम प्रभावित हुई है। इस दौरान लोकसभा में हंगामों और उसकी वजह से कार्यवाही के स्थगित होने में कमी आई है। ओम बिरला ने यह भी सुनिश्चित किया है कि वह ज्यादा से ज्यादा समय तक सदन की अध्यक्षता करें न कि उपाध्यक्ष या अन्य वरिष्ठ सांसदों के लिए यह जिम्मेदारी छोड़ें। स्पीकर बिरला सदन की कार्यवाही के संचालन में हिंदी का प्रमुखता से इस्तेमाल करते हैं। विधेयकों पर वोटिंग के दौरान वह ‘यस’ और ‘नो’ के बजाय हिंदी में ‘हां’ और ‘नहीं’ बोलते हैं। वह कहते हैं कि ‘हां पक्ष की जीत हुई’।

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