इस्लामाबाद, पाकिस्तान के इमरान खान-सरकार ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए हाफिज सईद को गिरफ्तार करने के बाद अपनी पीठ थपथपाना जारी रखा है। साथ ही दावा किया कि वह अपनी धरती से आतंकवाद को खत्म करने के लिए अडिग है। जबकी यूके में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत रहे वाजिद शम्सुल हसन ने कहा कि वास्तविकता इससे बिल्कुल विपरीत है।
उन्होंने अपनी राय रखते हुए मुंबई हमलों के मास्टमाइंड हाफिज सईद को लिए गए इस फैसले को अमेरिका को खुश करने के लिए किया गया प्रयास बताया है। साथ ही कहा कि हाफिज की गिरफ्तारी आंख में धूल झोकने जैसा है। एक खोजी समाचार पोर्टल ‘सुरखियान’ में प्रकाशित हस-ऑप-एड में हसन ने लिखा कि आतंकवादी समूह जमात-उद-दावा के प्रमुख की नौवीं बार गिरफ्तारी का खान की वाशिंगटन यात्रा के साथ बहुत कुछ लेना देना है। उन्होंने लेख में यह भी जिक्र किया है कि हाफिज की गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही ट्वीट कर इसे अपने लगातार प्रयासों का परिणाम बताया है।
उन्होंने आगे लिखा कि ट्रंप ने हाफिज की गिरफ्तारी को अपने प्रयासों की सफलता करार दिया। साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका के लिए हाफिज सईद का मामला बहुत महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान के लिए भी यह मामला उतना ही महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका की नजरों में वह पहले ही प्रॉक्सी वॉर का सबसे बड़ा नेतृत्वकर्ता है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले की शाम को हाफिज सईद गिरफ्तार हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मौके को देखते हुए उठाया गया कदम है। यह ट्रंप के आंसू पोंछने के लिए काफी है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया है।’
लेख में हसन ने एक सूत्र के हवाले से लिखा कि हाफिज सईद ने पहले ही कह दिया था कि वह इमरान की वॉशिंगटन यात्रा से पहले गिरफ्तार हो जाएगा। पूर्व राजनायिक ने पाकिस्तान के उन सभी दावों के खारिज कर दिया जिसमें पाकिस्तान ने कहा था कि हाफिज की गिरफ्तारी के जरिए पाकिस्तान की कोशिश अपने मोलभाव की क्षमता को बढ़ाना है। भारत और अन्य देशों से बातचीत और समझौते के लिए पाक सरकार अतिवादी ताकतों पर सख्ती कर अपनी छवि सुधारना चाहती है।