बुलंदशहर/शुभम अग्रवाल: बुलंदशहर में बसपा के पूर्व सदर विधायक हाजी अलीम की मौत के मामले में सीबीसीआईडी ने सनसनीखेज खुलासा किया। सीबीसीआइडी टीम ने खुलासा करते हुए हत्या के आरोपी अनस को बृहस्पतिवार को श्रद्धापुरी कंकरखेड़ा मेरठ से गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद सीबीसीआईडी टीम और कंकरखेड़ा पुलिस ने आरोपी अनस को बुलंदशहर कोर्ट में पेश किया। हालाँकि कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस व सीबीसीआईडी अधिकारी बयान देने से बचते नजर आए। लिहाजा कोर्ट नेे अनस को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।गौरतलब है कि सदर सीट से दो बार बसपा विधायक रहे हाजी अलीम (57) की नौ अक्टूबर को मोहल्ला ऊपरकोट स्थित आवास पर गोली लगने से मौत हो गई थी। 9 अक्टूबर 2018 की रात को पूर्व विधायक हाजी अलीम अलीगढ़ से लौटकर मोहल्ला सरायधारी स्थित अपने आवास के कमरे में सोने चले गए थे। 10 अक्टूबर की सुबह कमरे का दरवाजा न खुलने और मोबाइल फोन रिसीव न करने पर खिड़की से कमरे में घुसकर देखा गया तो बिस्तर पर पूर्व विधायक का गोली लगा शव पड़ा हुआ था। पुलिस की जांच में बैडरूम से दो खाली कारतूस और पिस्टल बरामद हुई।

जिसमें पूर्व बाहुबली विधायक व प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के कारण प्रथम द्रष्टया पारिवारिक सूचना दी गयी थी कि आज सुबह ब्रेन हैमरेज से उनका निधन हुआ है। हालांकि मामला गंभीर होते देख काफी देर बाद पुलिस ने बताया कि विधायक को सिर में गोली लगी है जिससे उनकी मौत हो गयी वहां शव के पास से पिस्टल बरामद हुआ है। करीब चालीस दिन बाद पूर्व विधायक के पुत्र अनस अलीम ने पुलिस के निलंबित सिपाही और पिता के पूर्व गनर पर हत्या का आरोप लगाते हुए एसएसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की थी, साथ ही कोर्ट से सीबीआई से जांच कराने की मांग की, लेकिन पुलिस ने छह नवंबर को प्रकरण में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके बाद अनस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जिला पुलिस पर निष्पक्ष विवेचना न करने का आरोप लगाते हुए प्रकरण की सीबीआइ जांच की मांग की थी। अनस ने मांग करते हुए बताया था कि उन्होंने पिता की हत्या के मामले में कुछ रिकार्डिग सहित अन्य सुबूत पुलिस को दिए थे, जिन्हें अनदेखा कर दिया गया। शुरुआती जांच में तत्कालीन एसएसपी केबी सिंह ने बताया था कि हाजी अलीम को एक गोली लगी है, लेकिन फोरेंसिक टीम की जांच के दौरान पुलिस ने हाजी अलीम के कमरे से एक और गोली बरामद की थी। पुलिस अधिकारियों ने उस समय दावा किया था कि दोनों गोली हाजी अलीम के लाइसेंसी हथियार से चली थी। कमरे से दो गोली मिलने के बाद परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग थी। इस संबंध में हाजी अलीम के बेटे अनस ने कई बार पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष जांच कराने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिए थे, लेकिन कुछ दिनों की जांच के बाद पुलिस अधिकारियों ने आगरा से आई फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट के आधार पर हाजी अलीम की संदिग्ध मौत पर आत्महत्या करने की मुहर लगा दी थी, जिसके बाद पुलिस ने फाइल बंद कर दी थी। करीब दस माह बाद फिर बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हुई संदिग्ध मौत में नया मोड़ आया जिसमें हाजी अलीम के बेटे के शिकायती पत्र पर शासन ने सीबीसीआइडी जांच के आदेश दे दिए। इस संबंध में अनस अलीम ने शासन को प्रार्थना पत्र भेजकर सीबीसीआइडी से जांच कराने की मांग की थी। इस पर संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन सुनील कुमार पांडेय ने पुलिस महानिदेशक अपराध शाखा एवं अपराध अनुसंधान विभाग को पत्र लिखकर इस प्रकरण की सीबीसीआइडी से जांच कराने के आदेश दे दिए।

नवम्बर में हाजी अलीम प्रकरण में उनके बच्चो का फोटो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने “पापा हम शर्मिंदा हैं,आपके क़ातिल ज़िंदा हैं।” के बैनर लेकर शासन से निष्पक्ष व अन्य एजेंसी से सुरक्षा की मांग की थी। तभी शासन द्वारा इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गयी व सीबीसीआईडी को शासन से इस संबंध में तमाम जरूरी दिशा निर्देश प्राप्त हुए जिसकी पुष्टि परिजनों द्वारा की गयी। इस बारे में हाजी यूनुस का भी कहना है कि हाई कोर्ट में वह भी सीबीआइ जांच के लिए गए थे। उनकी सहमति के बाद ही यह जांच सीबीसीआइडी को गई थी। चार माह से लगातार सीबीसीआईडी की जांच के बाद पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या का मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता गया और शिकंजा नजदीकियों पर कसता चला गया।

विदित हो कि कुछ समय पूर्व बुलंदशहर पहुंची सीबीसीआइडी टीम ने गहन जांच के दौरान आठ लोगो को नोटिस दिए थे जिसका उद्देश्य किसी करीबी के खिलाफ सुबूत जुटाने में मदद मिलना था, आंठो लोगो को मेरठ स्थित सीबीसीआइडी ऑफिस पर बयानों के लिए बुलाया गया। शहर कोतवाली पुलिस के साथ जाकर पूर्व विधायक हाजी अलीम के चालक साजिद के घर से 0.32 बोर की एक अवैध पिस्टल बरामद करते हुए साजिद को गिरफ्तार कर लिया है तथा कोतवाली में अवैध पिस्टल रखने का मुकदमा दर्ज करा दिया है। जिसके बाद नगर कोतवाली पुलिस चालक को जेल भी भेज चुकी है।

लेकिन जाँच पूरी होने पर सीबीसीआइडी ने मामलें में अनस को आरोपी घोषित कर सबको भौचक्का कर दिया। बुलंदशहर कोर्ट में पेशी के दौरान अनस ने मीडिया से कहा कि सीबीआईडी ने बताया था कि हत्याकांड में साजिद का नाम सामने आ रहा है, बावजूद उसके सीबीसीआईडी ने उसके चाचा से दो करोड़ रूपये लेकर उसे ही फंसा दिया और इसके बाद उसे धारा 120बी (षड्यंत्र रचना) और 302 (हत्या करना) के तहत आरोपी बना गिरफ्तार किया है। बहरहाल कुछ भी हो लेकिन पूर्व विधायक हाजी अलीम के बेटे दानिश ने भी पिता की मौत व अनस की गिरफ़्तारी को लेकर राजनीतिक बता एक बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने अपने चाचा सदर ब्लॉक प्रमुख हाजी यूनुस पर सीबीसीआईडी से मिलकर उनके भाई अनस को फ़साने व उनके पिता की हत्या का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अनस द्वारा पूर्व में कई बार पिता की हत्या के सुराग जुटाने के लिए सीबीसीआईडी टीम का सहयोग किया गया है इसमें अनस दोषी नहीं है, उन्हें फंसाया गया है। दानिश ने बताया कि इस मामले में हम हाईकोर्ट जाएंगे और पहले से ही हाईकोर्ट में उन्होंने पॉलीग्राफ टेस्ट और नारको टेस्ट के लिए अपील की हुई है। हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि हमारा व हमारे चाचा हाजी यूनुस का पॉलीग्राफ टेस्ट और नारको टेस्ट कराया जाये जिससे निष्पक्ष जांच हो सके और मेरे पिता के असली आरोपी को सजा मिल सके।