नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए बनाए रखने के लिए वे शराब की अप्रत्यक्ष बिक्री या  होम डिलीवरी पर विचार करें। एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि शराब की दुकानों में सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। दुकानें कम हैं और शराब खरीदार ज्यादा हैं। इनकी वजह से आम आदमी की जिंदगी को खतरे में नहीं डाला जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शराब की बिक्री को लेकर स्पष्ट कोई आदेश देने से इनकार कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस  बीआर गवई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। जस्टिस कौल ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अल्कोहल की होम डिलीवरी पर चर्चा चल रही है। आप हमसे क्या चाहते हैं? याचिकाकर्ता के वकील जे. सांई दीपक ने कहा,  ‘हम चाहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री से कोई भी आम आदमी का जीवन खतरे में न पड़े। गृह मंत्रालय को शराब की बिक्री पर राज्यों को स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए।’

पहले दो चरण में शराब की दुकानें बंद थीं

लॉकडाउन के पहले दो चरण में शराब की दुकानें बंद रखी गईं। तीसरे चरण में रेड, ऑरेंज और ग्रीन तीनों जोन में शर्तों के साथ अल्कोहल की बिक्री की इजाजत दी गई है। हालांकि, जब दुकानें खुलीं तो कई शहरों में दुकानों के बाहर भीड़ जमा हो गई। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न हो पाने और महामारी के तेजी से फैलने का खतरा पैदा हो गया। दिल्ली, बेंगलुरु समेत अन्य राज्यों में शराब की दुकानें पर लोगों की दो किमी लंबी कतारें देखने को मिलीं।

फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो शराब की होम डिलीवरी की तैयारी में भी जुटी

मीडिया रिपोर्ट्स में जोमैटो के हवाले से कहा गया है,‘अगर टेक्नोलॉजी की मदद से शराब की होम डिलीवरी की जाती है, तो शराब की खपत को बढ़ावा दिया जा सकता है। साथ ही संक्रमण फैलने के खतरे को भी कम किया जा सकता है।’ समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जोमैटो ने इस बारे में शराब इंडस्ट्री बॉडी इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसडब्ल्यूएआई) को अप्रैल के मध्य में एक प्रस्ताव भी भेजा है। प्रस्ताव में जोमैटो ने कहा है कि वो उन्हीं जगहों पर यह सुविधा देगी, जहां कोरोना का संक्रमण कम है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *