मुंबई, 02 अगस्त । जाने माने निर्देशक शेखर कपूर ने ‘फिल्म’ मासूम को लेकर अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। शेखर ने अपनी फिल्म को लेकर केवल अपने मन की सुनी और हाल ही में उन्होंने इसी से जुड़ा एक पोस्ट साझा किया है। शेखर कपूर ने ट्विटर पर अपनी फिल्म ‘मासूम’ का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा कि बहुत से लोग चाहते थे कि मैं इस फिल्म की स्क्रिप्ट को बदल दूं। कुछ मशहूर, अनुभवी और ज्ञानी लोगों ने मुझे कहा कि इस फिल्म में न तो ड्रामा है और न ही कोई विलेन है। मैं सीधा-सादा था, मेरे पास कोई ट्रेनिंग नहीं थी। मुझे फिल्ममेकिंग का कुछ भी पता नहीं था, लेकिन मैं बागी था और यही मेरे लिए जरूरी था। भगवान का शुक्र है!
शेखर कपूर ने हिंदी सिनेमा में अपने कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1975 में फिल्म ‘जान हाजिर हो’ से की थी। उसके बाद उन्होंने फिल्म ‘टूटे खिलौना’ निर्देशित की। उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान फैमिली ड्रामा फिल्म ‘मासूम’ से मिली थी। उन्होंने वर्ष 1983 में फिल्म मासूम का निर्देशन किया था। इस फिल्म में मुख्य भूमिका में नसीरूद्धीन शाह और शबाना आजमी और जुगल हंसराज मुख्य भूमिका में नजर आए थे। उस दौर में यह फिल्म दर्शकों और आलोचकों द्वारा बेहद पसंद की गई थी। शेखर कपूर ने न सिर्फ बॉलीवुड में बल्कि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी खास पहचान बनाई है। शेखर कपूर ने हॉलीवुड फिल्म ‘एलिजाबेथ’ का निर्देशन किया था। यह फिल्म ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित की गई थी। साल 2007 में इस फिल्म के सीक्वल ‘एलिजाबेथ द गोल्डन एज’ का भी शेखर कपूर ने निर्देशन किया था।