नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की गैस वितरण नेटवर्क चलाने वाली कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड ने मंगलवार को कहा कि वह अगले पांच साल के दौरान राष्ट्रीय गैस ग्रिड और शहरी गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार पर 45,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। कंपनी के चेयरमैन आशुतोष कर्नाटक ने कंपनी के शेयरधारकों की यहां आयोजित वार्षिक आम बैठक में यह जानकारी देते हुये कहा, ‘‘वर्तमान में आपकी कंपनी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार कर रही है। इसके तहत 5,700 किलोमीटर की प्रमुख परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।’’गेल देश में 11,000 किलोमीटर के पाइपलाइन नेटवर्क का परिचालन करती है। देश में बिकने वाली कुछ प्राकृतिक गैस में से दो तिहाई गैस की बिक्री गेल करती है। आशुतोष कर्नाटक ने कहा, ‘‘आने वाले कुछ सालों के दौरान देशभर में चल रही प्रमुख परियोजनाओं में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। इसमें ऊर्जा गंगा परियोजना, कोच-कूटानंद- बेंगलूरू- मंगलूरू परियोजना, इंद्रधनुष पूर्वोत्तर गैस ग्रिड और राष्ट्रीय गैस ग्रिड के तहत मांग एवं आपूर्ति केन्द्रों को जोड़ने वाली अन्य कई प्रमुख पाइपलाइन परियोजनाओं में यह निवेश किया जायेगा।’’ संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुये बाद में कर्नाटक ने कहा कि यह निवेश अगले पांच साल के दौरान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसमें से 32,000 करोड़ रुपये का निवेश पाइपलाइन बिछाने में होगा जबकि 12,000 करोड़ रुपये शहरी गैस वितरण नेटवर्क में खर्च किया जायेगा। इससे वाहनों और घरों में पाइप के जरिये सीएनजी की खुदरा बिक्री की जायेगी। इसके अलावा पेट्रो रसायन संयंत्र के विस्तार में भी निवेश किया जायेगा। गेल अगले तीन से पांच साल के दौरान देशभर में 400 सीएनजी स्टेशन लगाने की तैयारी में है। इसके अलावा उसकी रिकार्ड दस लाख घरों को पाइप के जरिये प्राकृतिक गैस (पीएनजी) पहुंचाने की भी योजना है। गेल देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रहा है। देश की समग्र ऊर्जा खपत में 2030 तक गैस का हिस्सा मौजूदा 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक पहुंचाने की योजना है। कंपनी उत्तर प्रदेश में जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा तक 2,655 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन बिछा रही हे। कंपनी की सालाना बैठक में उन्होंने बताया कि 1,050 किलोमीटर लंबी वाराणसी- डोभी- पटना, बरौनी, औरय्या- फूलपुर और दूसरी अंतिम छोर तक पहुंचाने वाली पाइपलाइनों को 2018- 19 में पूरा कर लिया गया। उन्होंने बताया कि गेल निदेशक मंडल ने उत्तर प्रदेश के पाटा में मौजूदा पेट्रोरसायन संयंत्र में 60 हजार टन पोलिप्रोपिलीन संयंत्र की स्थापना को भी मंजूरी दी है।