low cost house home

नई दिल्ली । आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों में सभी जरूरतमंद लोगों को सस्ते आवास मुहैया कराने की योजना (पीएमएवाई) के तहत 2018 की तुलना में इस साल आवास निर्माण और आवंटन की गति को दो गुना तक तेज करने का दावा किया है। इसके आधार पर सरकार ने दावा किया है कि योजना का लगभग 24 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।पीएमएवाई की गति को लेकर मंत्रालय द्वारा संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में पिछले सप्ताह पेश आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई तक विभिन्न श्रेणियों के निर्माणाधीन मकानों की संख्या 49.54 लाख हो गयी है। योजना के तहत 26.13 मकान बन कर तैयार हो गये हैं और इनमें से 23.96 लाख आवास, योजना के लाभार्थियों को सौंप भी दिये गये हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2018 तक इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 35.67 लाख घर निर्माणाधीन थे और 12.45 लाख घरों का निर्माण पूरा कर 12.19 लाख घर (लगभग 12 प्रतिशत) लाभार्थियों को आवंटित कर दिये गये थे।उल्लेखनीय है कि मंत्रालय का 2020 तक एक करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी देने का लक्ष्य है,जिससे 2022 तक इन घरों का निर्माण कर इन्हें जरूरतमंद लोगों को आवंटित किया जा सके। मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक 83.68 घरों को मंजूरी दी जा चुकी है। निर्माण कार्य में तेजी लाने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में 3.39 लाख आवास बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि गुजरात में बन कर तैयार घरों की संख्या 3.16 लाख और आंध्र प्रदेश में 3.10 लाख है। इस मामले में पीछे रह गये राज्यों में राजस्थान (64 हजार) और बिहार (57 हजार) शामिल हैं। मंत्रालय ने निम्न एवं मध्यम आय वर्ग के लिये विभिन्न श्रेणियों में सस्ते आवास मुहैया कराने के लिये जून 2015 में यह योजना शुरु की थी। इनमें से 1.95 लाख आवास मध्यम आय वर्ग के लिये हैं जबकि अब तक स्वीकृत 83.68 लाख आवास में से 4.48 लाख घर अनुसूचित जनजाति के परिवारों को दिये जायेंगे। सस्ते आवास योजना में शहरी क्षेत्र के उन बेघर परिवारों को भी शामिल किया गया है जो सार्वजनिक स्थलों पर गुजर बसर करते हैं। मंत्रालय ने संसद में पेश आंकड़ों में स्पष्ट किया कि बेघर परिवारों की पहचान की जा रही है। मंत्रालय ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बताया कि देश में चिन्हित बेघर परिवारों की संख्या 2.56 लाख थी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *