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नई दिल्ली । छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एम सी मेरीकाम द्रोणाचार्य पुरस्कार चयन समिति और ट्रायल संबंधित विवादों से काफी नाराज दिखीं और उन्होंने कहा कि इनका सीधा असर उन पर पड़ता है। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मेरीकाम ने खुद को द्रोणाचार्य पुरस्कार चयन समिति की शनिवार को चयन प्रक्रिया के लिये हुई बैठक से अलग कर लिया। उनके कोच छोटेलाल यादव इस पुरस्कार की दौड़ में थे, चयन पैनल में मेरीकाम के शामिल होने की आलोचना हो रही थी। मुक्केबाजी महासंघ ने यादव का नाम मेरीकाम की सलाह पर भेजा था। इसके बारे में पूछने पर राज्यसभा सदस्य मेरीकाम ने यहां अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले विवाद खड़ा कर दिया, फिर इस पर सवाल पूछे जा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण था। मैं पहले भी चेयरमैन (पुरस्कार चयन समिति में) थी, इस बार भी मैं चयन समिति में थी। दूसरी बार मैं समिति में थी। उस समय, उन दिनों में क्या कोई विवाद हुआ था? मैंने कई कोचों की भी सिफारिश की थी, इस बार क्या हुआ, पता नहीं। ’’ यह पूछने पर कि इसलिये आपने समिति की बैठक से हटने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल। क्यों नहीं। मैं रहूंगी तो फिर इससे फिर से ‘दोगुनी’ समस्या होगी। इससे फिर एक अन्य परेशानी खड़ी हो जायेगी। इसका असर मुझ पर पड़ रहा है। मैं बार बार इससे उबर रही हूं। जो भी इसका (द्रोणाचार्य पुरस्कार) हकदार है, उसे चुना जाना चाहिए। निश्चित रूप से उसका योगदान अहम है। ’’ विश्व चैम्पियनशिप के लिये चुनी गयी 10 सदस्यीय टीम में मेरीकाम को बिना ट्रायल के शामिल किया गया। इसके बाद निकहत जरीन 51 किग्रा में ट्रायल नहीं कराने से खफा थीं। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने मेरीकाम के प्रदर्शन और पदक की दावेदारी को देखते हुए टीम में शामिल करने का फैसला किया। टीम चयन के लिये ट्रायल हटाने के बारे में पूछने पर मेरीकाम ने कहा, ‘‘यह मेरे हाथ में नहीं है। बीएफआई सबकुछ देखता है, सरकार सबकुछ देख रही है। जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें सीधे ही किसी भी टूर्नामेंट के लिये कोटा मिल जाना चाहिए। अन्य खेलों में भी देखो, जैसे बैडमिंटन। उसमें कौन ट्रायल देता है। किसने ट्रायल दिया, साइना नेहवाल या पीवी सिंधू ने ट्रायल दिया। लेकिन हमारे खेल में ट्रायल-ट्रायल। कभी कभार, अजीब सा भी लगता है। मैंने स्पष्ट रूप से बताया कि कौन बेहतर कर रहा है, कौन नहीं। आप फैसला करो, मैं निर्णय नहीं करूंगी। मंत्रालय फैसला करेगा। ’’ मेरीकाम ने कहा, ‘‘ट्रायल नहीं कराने के बारे में बीएफआई से पूछो। मैं यह फैसला अकेली नहीं ले सकती हूं ट्रायल देना या नहीं देना, सब बीएफआई के हाथ में है। ’’ विश्व चैम्पियनशिप की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘तैयारी अच्छी चल रही है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगी। अगले साल जनवरी से क्वालीफिकेशन शुरू हो जायेंगे। आसान या कठिन होगा, मैं कुछ नहीं बोल सकती हूं। मुक्केबाजी लगातार प्रगति के पथ पर है। हम लोग योजना बना रहे हैं। मैं पूरी कोशिश कर रही हूं। ’

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