नई दिल्ली, 23 जुलाई (वेबवार्ता)। विपक्षी दलों ने मंगलवार को सरकार से आग्रह किया कि मोटरयान संशोधन विधेयक में यह सुनिश्चत किया जाए कि परिवहन सेवाओं से जुड़े राज्यों के अधिकारों में केंद्र का कोई दखल नहीं हो। लोकसभा में ‘मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019’ पर सोमवार को शुरू हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए द्रमुक की कनिमोझी ने कहा कि पहले विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा गया, लेकिन समिति की अनुशंसा को इसमें शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्यों के अधिकार क्षेत्र में कोई दखल नहीं हो। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि वह दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जुर्माना बढ़ाने के प्रावधानों का समर्थन करते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि वह राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्यों को विश्वास में लिए बिना कोई कानून बनाया जाएगा तो इसका प्रभावी क्रियान्वयन कैसे होगा क्योंकि प्रवर्तन एजेंसियां तो राज्यों की होती हैं। शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने भी विपक्षी दलों की इस बात का समर्थन किया कि राज्यों के अधिकार सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कि राजमार्गों पर हर 50 किलोमीटर पर एक ट्रामा सेंटर बनना चाहिए। जदयू के कौशलेंद्र कुमार ने भी यह कहा कि संशोधन विधेयक में यह ध्यान रखा जाए कि राज्यों के अधिकार क्षेत्र में कोई दखल नहीं हो। बीजू जनता दल की चंद्राणी मुर्मू ने कहा कि सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। बसपा के दानिश अली ने कहा कि सरकार को सुरक्षा से जुड़े और प्रावधान लाने चाहिए तथा दिल्ली एवं आसपास के इलाको में गैरकानूनी परिवहन पर रोक लगानी चाहिए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *