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नई दिल्ली । भारत में सरोगेसी का विनियमन करने वाले विधेयक को लोकसभा में पेश करते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि इस विधेयक से व्यावसायिक सरोगेसी पर लगाम लगेगी और सरोगेसी के माध्यम से महिलाओं का उत्पीड़न रुकेगा। कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019 को पेश करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रिटेन, जापान, फिलीपीन, स्पेन, स्विट्जरलैंड और जर्मनी समेत अनेक देशों में व्यावसायिक सरोगेसी अवैध है। उन्होंने कहा कि केवल यूक्रेन, रूस और अमेरिका के कैलीफोर्निया प्रांत में यह वैध है। हर्षवर्धन ने कहा कि विधेयक में भारत में किराये की कोख (सरोगेसी) की प्रथा पर प्रभावी तरीके से विनियमन का प्रस्ताव है। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर एक सरोगेसी बोर्ड और राज्य सरोगेसी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव है। विधेयक पर चर्चा की शुरूआत तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीदार ने की और विधेयक का समर्थन किया। इसके बाद उन्होंने कश्मीर मामले पर कांग्रेस, द्रमुक, नेशनल कान्फ्रेंस आदि दलों के सदस्यों की नारेबाजी के दौरान सदन में अव्यवस्था का हवाला देते हुए पीठासीन सभापति से सदन में व्यवस्था कायम करने का अनुरोध किया और ऐसा नहीं होने पर आगे बोलने में असमर्थता जाहिर की। भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि देश में सरोगेसी एक उद्योग जैसा बन गया है, ऐसे में यह विधेयक महिलाओं का शोषण रोकेगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार लगातार महिलाओं की भलाई के लिए विधेयक ला रही है और उसी क्रम में यह विधेयक लाया गया है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की वी वी सत्यवती ने कहा कि विधेयक में करीबी रिश्तेदारों को परिभाषित नहीं किया गया है। तेलुगूदेशम पार्टी के केसी नेनी श्रीनिवास, अन्नाद्रमुक के पी रवींद्रनाथ कुमार, भाजपा के रविकिशन और सुभाष सरकार ने भी विधेयक का समर्थन किया।

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