जयपुर, 31 जुलाई । वंडर सीमेंट ने राजस्थान के निम्बाहेड़ा में अपना तीसरा सीमेंट कारखाना शुरू किया है। कंपनी का कहना है कि इस साल के आखिर तक उसकी कुल उत्पादन क्षमता 1.1 करोड़ टन हो जाएगी और वह उत्तरी भारत में सीमेंट की बढ़ती मांग को पूरा कर पाएगी। कंपनी मध्य प्रदेश के बदनावर में ग्राइंडिंग इकाई लगा रही है, जबकि हरियाणा के झज्जर में भी ग्राइंडिंग कारखाने का काम चल रहा है। वंडर सीमेंट के कार्यकारी निदेशक संजय जोशी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत से एक साल में लगी कंपनी की तीसरी इकाई ने निम्बाहेड़ा में उत्पादन शुरू कर दिया है। कंपनी इससे पहले निंबाहेड़ा में ही 30-30 लाख टन सालाना क्षमता की दो इकाइयों का परिचालन कर रही है। जोशी ने कहा कि सीमेंट की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी ने यह तीसरी इकाई लगाई है। उन्होंने कहा कि बदनावर में ग्राइंडिंग इकाई इस साल के आखिर तक शुरू हो जाएगी। इसके शुरू होने से कंपनी की संयुक्त उत्पादन क्षमता 1.1 करोड़ टन सालाना हो जाएगी। वंडर सीमेंट के निदेशक विवेक पाटनी ने कहा कि कंपनी ने निम्बाहेड़ा में अब तक की तीनों इकाइयों के लिए कुल 4,100 करोड़ रुपये का निवेश किया। कंपनी ने 400 करोड़ रुपये के निवेश से महाराष्ट्र के धुले में पहली ग्राइंडिंग इकाई शुरू की। उन्होंने कहा कि नया कारखाना शुरू होने से वंडर सीमेंट की कुल उत्पादन क्षमता 20 प्रतिशत तक बढ़ेगी और वह देश के उत्तरी राज्यों की बढ़ती हुई सीमेंट मांग को पूरा कर पाएगी। पाटनी ने कहा कि कंपनी अपने सभी कारखानों में विश्वस्तरीय नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग की सबसे नई कंपनी होने के बावजूद वंडर सीमेंट ने बेहतर गुणवत्ता व नई सोच के साथ उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की। कंपनी 4000 डीलरों के साथ नौ राज्यों में परिचालन कर रही है।