नई दिल्ली, 28 जुलाई । एनजीटी द्वारा नियुक्त यमुना निगरानी समिति ने सुझाव दिया है कि हरित पैनल फार्महाउसों, डीडीए, रेलवे एवं मॉल जैसे बड़े संगठनों पर अपने बोरवेल बंद करके शोषित जलमल के प्रयोग का दबाव बनाने के लिए निर्देश जारी कर सकता है। दो सदस्यीय निगरानी समिति ने हरित पैनल को हाल में दी गई दूसरी पूरक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया। इस समिति के सदस्य राष्ट्रीय हरित अधिकरण के पूर्व विशेषज्ञ बी एस सजवान और दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा हैं। समिति ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड प्रति दिन 45 करोड़ 90 लाख गैलन शोधित जलमल पैदा करता है जिसमें से प्रतिदिन केवल आठ करोड़ 90 लाख गैलन पानी ही इस्तेमाल किया जाता है।