सरकार ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के लिये ‘बाहरी कारणों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि आने वाले समय में स्थिति में सुधार आने की संभावना है। उन्होंने कहा, ”रुपये में गिरावट का कारण बाहरी कारक हैं और इसमें इस समय चिंता की कोई वजह नहीं है।

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तुर्की की आर्थिक चिंता से अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया आज कारोबार के दौरान 70.1 रुपये प्रति डालर के स्तर तक गिर गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि डॉलर की तुलना में सभी मुद्राएं कमजोर हुई हैं लेकिन अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये में उतनी गिरावट नहीं आयी है।

कुमार ने कहा, ”मुझे लगता है कि रुपया 69 से 70 के बीच स्थिर होना चाहिए क्योंकि अगर आप देश में बांड और शेयर समेत विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले निवेश को देखें तो यह स्तर विदेशी निवेश के लिहाज से आकर्षक रहा है। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टाक ब्रोकर्स में शोध विश्लेषक आर मारू ने कहा कि आयातकों की अधिक मांग से रुपये की विनिमय दर में गिरावट आयी है।

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उन्होंने कहा, ”तुर्की संकट को लेकर अनिश्चितता तथा डालर सूचकांक में तेजी को देखते हुए आयातक आक्रमक तरीके से डालर लिवाली कर रहे हैं। दूसरी तरफ आरबीआई की तरफ से आक्रमक हस्तक्षेप नहीं होने से भी रुपया नीचे आया।

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