नई दिल्ली, 31 जुलाई । मोबाइल सेवाओं के नेटवर्क में सुधार की मांग करते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने बुधवार को कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में संबद्ध विभागों को दिशानिर्देश देने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सदस्य के सी राममूर्ति ने कहा कि मोबाइल सेवाओं के नेटवर्क की हालत बदतर हो गई है और यह समझ में नहीं आता है कि मोबाइल फोन वरदान है या अभिशाप बन गया है।उन्होंने कहा ‘‘यहां तक कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में सांसद भी लोगों के साथ संवाद नहीं कर पाते।’’राममूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में कॉल ड्रॉप के मुद्दे पर बात की थी और इसे गंभीरता से लेते हुए, संबद्ध विभागों से स्थिति में सुधार लाने को कहा था।उन्होंने कहा कि ट्राई ने भी मोबाइल नेटवर्क की गुणवत्ता के लिए कुछ नियम बनाए थे लेकिन उन्हें लागू नहीं किया गया। ‘‘हम 4जी की बात करते हैं लेकिन सवाल यह है कि गुणवत्ता वाली सेवाएं और बेहतर नेटवर्क कैसे उपलब्ध कराया जाएगा।’’राममूर्ति ने इस समस्या के तत्काल समाधान की मांग की।वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने आंध्रप्रदेश की कताई मिलों को पुनर्जीवित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि उत्पादन लागत में 25 फीसदी की वृद्धि होने की वजह से इन मिलों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रेड्डी ने कहा कि भारत कपास निगम कपास का संग्रह कर रहा है जिसके कारण कपास के दाम बढ़ रहे हैं।उन्होंने कताई मिलों के लिए समुचित अवसंरचना की मांग करते हुए कहा कि यूरोप सहित दुनिया भर में भारत के यार्न को सराहा जाता है।कांग्रेस के हुसैन दलवई ने मुंबई नगर निगम के क्षेत्रों में अवैध निर्माण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब नगर निगम ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था की तो 76,000 से अधिक शिकायतें अवैध निर्माण की आईं। ‘‘लेकिन इनमें से केवल 4,000 का ही समाधान किया गया।’’माकपा के इलामारम करीम ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े कर्मियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन कार्यकर्ताओं को बेहद कम मानदेय मिलता है। उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग की।भाजपा की संपतिया उइके ने देश भर में प्लास्टिक के उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता और यह पर्यावरण तथा मानव जीवन दोनों के लिए गंभीर खतरा है।भाजपा के शंभाजी छत्रपति ने मांग की कि हाईटेंशन टावर स्थापित करने के लिए किसानों की जमीन ली जाती है तो उन्हें जमीन की बाजार कीमत से दोगुनी दर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।