बाली/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा आपूर्ति पर किसी तरह के
प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देने की जरूरत को मंगलवार को रेखांकित किया और स्थिरता सुनिश्चित
करने का आह्वान करते हुए एक बार फिर कूटनीति के जरिए यूक्रेन विवाद को सुलझाने पर जोर
दिया।
मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु
परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने
दुनिया में तबाही मचा दी है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला ‘‘चरमरा’’ गई है।
प्रधानमंत्री ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर रूसी तेल व गैस की खरीद के खिलाफ
पश्चिमी देशों के आह्वान के बीच ऊर्जा आपूर्ति पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने का आह्वान किया।
खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा पर बुलाए सत्र में मोदी ने कहा, ‘‘भारत की ऊर्जा-सुरक्षा वैश्विक विकास के
लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति
पर किसी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी
चाहिए।’’
इस सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई विश्व
नेताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है।
इंडोनेशिया के बाली में हो रहे शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘2023 तक हम अपनी जरूरत की
आधी बिजली का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से करेंगे। समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए
विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त व प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति की जरूरत है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच जी20 के नेतृत्व के लिए इंडोनेशिया की तारीफ की।

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