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नई दिल्ली । भारत और रूस ने 2025 तक 30 अरब डालर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आपसी आर्थिक संबंधों के विस्तार तथा उसे और प्रगाढ़ बनाने का आह्वान किया है। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में यह कहा। रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी त्रुतनेव और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया। यह बैठक 11-13 अगस्त को रूस के ब्लादिवोस्तक में हुई। गोयल की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और गोवा के मुख्यमंत्रियों के अलावा 140 भारतीय कंपनियां शामिल थी। उन्होंने दोनों देशों की कंपनियों से भागीदारी के लिये सीधे तौर पर बात करने और ठोस परियोजना प्रस्ताव के साथ आने को कहा। मंत्रालय ने बयान में कहा कि भारत के पांच राज्यों और सुदूर पूर्व रूस के क्षेत्रों के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये। ये शुरूआती समझौते व्यापार, अर्थव्यवस्था, निवेश, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और उसे सुदृढ़ करने के लिये हैं। एमिटी यूनिवसिर्टी और फार ईस्ट फेडरल यूनिविर्सिटी के बीच भी शिक्षा और शोध के क्षेत्रों में संबंधों के विकास, उसे मजबूत बनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर एक शुरूआती समझौता (एमओयू) हुआ। बयान के अनुसार इसके अलावा सेंटर फार योग और पुश्किन सेंटर फार रसियन लैंगुएज एंड कल्च्रल स्टडीज के बीच प्रतिनिधि कार्यालयों को स्थापित करने को लेकर समझौता हुआ। चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रूसी कंपनियों को ऊर्जा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश का न्यौता दिया। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोना और हीरा खनन के क्षेत्र में सहयोग की संभावना पर जोर दिया। वित्त वर्ष 2018-19 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.3 अरब डॉलर रहा।

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