नई दिल्ली, 11 अगस्त । अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्षो का सामना करने वाली तीन बार नेशनल अवार्ड विजेता अभिनेत्री कंगना रनौत का मानना है कि बॉलीवुड में प्रतिभा का कोई महत्व नहीं हैं।
कंगना ने बताया, “अब मैं सख्त हो गई हूं। शुरू में जब मैं यहां आई, तो मुझे लगता था कि यहां प्रतिभा ही सबकुछ है और आपको खुद को साबित करना होगा। मैंने बहुत सारी चीजें की और अपना रास्ता बनाने के लिए मैंने संघर्ष किया। मैंने फिल्ममेकिंग, स्क्रीप्टिंग सीखी। मैंने ये सोचते हुए सबकुछ किया कि प्रतिभा ही सबकुछ है। जब मैंने अपनी प्रतिभा के दायरे को बढ़ाया, तब मुझे अहसास हुआ कि इस उद्योग में प्रतिभा का कोई महत्व ही नहीं है।”
अभिनेत्री ने आगे कहा, “सत्ता की राजनीति करने वालों और खेल खेलने वाले लोगों ने अपने संपर्को और छोटे माफिया की मदद से अपना एक छोटा जाल बुना है। वे एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं।” कंगना ने बॉलीवुड में थ्रिलर फिल्म ‘गैंगस्टर’ से कदम रखा था। एक दशक के बाद ‘क्वीन’, ‘कृष 3’, ‘तनु वेड्स मनु’ की फ्रेंचाइजी और ‘मणिकर्णिका’ जैसी फिल्मों में काम करने के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में वे शीर्ष अभिनेत्रियों में गिने जाने लगीं।
अक्सर विवादों में घिरी रहने वाली अभिनेत्री 2017 में उस समय सुर्खियों में छा गईं, जब उन्होंने फिल्म निर्माता करण जौहर को बाहरी लोगों के प्रति ‘असहिष्णु’ और ‘भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने वाला’ कहा, जो ‘कॉफी विद करण’ से फिल्म जगत के महानुभावों के बच्चों को समर्थन देने वाला बताया था। कंगना ने आगे कहा, “इससे मैं काफी घबरा गई थी, मैं इसके लिए तैयार नहीं थी।
” कंगना ने बताया कि इस सिस्टम को तोड़ने के लिए उन्हें सख्त कदम उठाने पड़े। उन्होंने कहा “इसे तोड़ने के लिए मुझे अपनी पसंद से सख्त बनना पड़ा, क्योंकि मुझे लगता है कि आपको वो मिलना चाहिए, जिसके आप लायक हो। कभी-कभी आपको वो हासिल करना पड़ता है, जिसके आप लायक हो।” ‘जजमेंटल है क्या’ की अभिनेत्री का मानना है कि अस्थिरता किसी को भी अभिनय पेशे में असुरक्षित महसूस कहा सकती है।