मुंबई, आर्थिक नरमी को लेकर चिंताओं तथा विदेशों में मिले जुले रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार पांचवें दिन गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 135 अंक की गिरावट के साथ 37,847.65 अंक पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के भारत की आर्थिक वृद्धि अनुमान कम किये जाने से कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा। बंबई शेयर बाजार के तीस प्रमुख शेयरों वाला सेंसेक्स 135.09 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,847.65 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 59.75 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,271.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक नीचे में 11,229.80 और ऊपर में से 11,359.75 अंक के दायरे में रहा। शेयर बाजारों में मई की शुरूआत से बाजार में अबतक की यह सबसे लंबी गिरावट है। सेंसेक्स पिछले पांच कारोबारी सत्रों में 1,367.99 अंक नीचे आ चुका है जबकि निफ्टी 416.20 अंक टूट चुका है। विदेशी पूंजी निकासी और कंपनियों के वित्तीय परिणाम में हल्का रहने के अलावा आईएमएफ का भारत का आर्थिक वृद्धि अनुमान घटाये जाने से घरेलू निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा। मुद्राकोष ने मंगलवार को 2019 और 2020 दोनों के लिये 0.3 प्रतिशत कम कर क्रमश: 7 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत कर दिया। यह घरेलू मांग के लिये उम्मीद से अधिक कमजोर परिदृश्य को बताता है। जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उसमें इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, हीरो मोटो कार्प, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, वेदांता और मरुति शामिल हैं। इनमें 3.50 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। एशियन पेंट्स में सर्वाधिक 3.42 प्रतिशत की तेजी आयी। कंपनी का जून तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 18 प्रतिशत बढ़ने की खबर से शेयर में तेजी आयी। एचयूएल, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक और आईटीसी भी लाभ में रहे। इनमें 2.06 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गयी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में नरमी की चिंता से निवेश बिकवाल रहे। आईएमएफ ने कमजोर घरेलू मांग के आधार पर 2019 के लिये जीडीपी वृद्धि अनुमान में 0.3 प्रतिशत की कटौती की। इससे बाजार में बिकवाली हुई जो पहले से कर चिंता के कारण प्रभावित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में मिले-जुले रुख, विदेशी पूंजी की निकासी और रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।’’ वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग में तेजी दर्ज की गयी जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती करोबार में मिला-जुला रुख रहा। डालर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान मामूली गिरावट के साथ 68.99 पर था।