नई दिल्ली, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में प्रस्तावित संशोधन को इस कानून के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निजी तौर पर ‘‘बदले की भावना’’ का परिणाम करार दिया। सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 पर उच्च सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुये रमेश ने सरकार द्वारा पेश इस संशोधन प्रस्ताव को आरटीआई के भविष्य के लिये खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि आरटीआई से जुड़े पांच मामलों, जो सीधे तौर पर प्रधानमंत्री से जुड़े हैं, के कारण सरकार ने बदले की भावना से ये संशोधन प्रस्ताव पेश किये हैं। उन्होंने संशोधन के समय पर सवाल उठाते हुये कहा कि प्रधानमंत्री इन पांच मामलों के कारण आरटीआई से बदला ले रहे हैं। रमेश ने कहा कि पहला मामला सूचना आयोग द्वारा आरटीआई के तहत प्रधानमंत्री की शैक्षिक योग्यता को उजागर करने का आदेश देने से जुड़ा है। यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और आज अदालत में (बृहस्पतिवार) इस पर सुनवाई भी थी। रमेश ने कहा कि दूसरा मामला चार करोड़ फर्जी राशन कार्ड पकड़े जाने के प्रधानमंत्री के दावे से जुड़ा है जिसकी सच्चाई आरटीआई में ढाई करोड़ फर्जी राशन कार्ड के रूप में सामने आयी। तीसरा मामला नोटबंदी के कारण विदेशों से कालेधन की वापसी की मात्रा को उजागर करने और दो अन्य मामले, नोटबंदी के फैसले से जुड़े रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के सुझावों से जुड़े हैं। उन्होंने सत्तापक्ष पर आरोप लगाया कि इन्हीं वजहों से केन्द्र और राज्यों में सूचना आयोग की संस्था को ‘दंतहीन’ बनाने के लिये आरटीआई कानून में सरकार संशोधन करना चाहती है। इतना ही नहीं, सूचना आयुक्तों के कार्यकाल और वेतन भत्ते आदि में बदलाव का अधिकार केन्द्र सरकार को सौंपने से जुड़े आरटीआई कानून में संशोधन के लिये सरकार भ्रामक दलीलें भी दे रही है। रमेश ने कहा कि ये संशोधन सहकारी संघवाद के संवैधानिक मकसद को भी आघात पहुंचाएंगे क्योंकि इससे सूचना आयुक्तों की समूची नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से केन्द्र सरकार के हाथों में आ जायेगी। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग इसलिए बनाया क्योंकि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उस समय तत्कालीन योजना आयोग ने गुजरात के शिक्षा एवं स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में प्रतिकूल टिप्पणी की थी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *