नई दिल्ली, । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को बदलती चुनौतियों और परिस्थितियों के अनुसार चुस्त दुरूस्त तथा उसकी मारक क्षमता बढाने के उद्देश्य से सेना मुख्यालय के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। श्री सिंह ने मंगलवार देर शाम इस आशय के आदेश दिये। इसके तहत अलग से आंतरिक सतर्कता और मानवाधिकार शाखा का भी गठन किया जायेगा। सेना मुख्यालय के पुनर्गठन का निर्णय एक विस्तृत आंतरिक अध्ययन के आधार पर लिया गया है।
पुनर्गठन के तहत सेना मुख्यालय से 206 अधिकारियों को फील्ड यूनिटों में भेजा जायेगा। इनमें तीन मेजर जनरल, 8 ब्रिगेडियर, 9 कर्नल तथा 186 लेफि्टनेंट कर्नल तथा मेजर शामिल हैं। अभी सेना मुख्यालय में लगभग एक हजार सैन्य अधिकारी तैनात हैं। यह निर्णय भविष्य की चुनौतियों और बदली परिस्थितियों के मद्देनजर सेना को चुस्त दुरूस्त बनाने तथा उसकी मारक क्षमता बढाने के लिए लिया गया है।
आंतरिक सतर्कता शाखा स्वतंत्र रूप से काम करेगी और यह सेना प्रमुख के तहत काम करेगी तथा इसमें तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व होगा। अभी यह काम अनेक एजेन्सियों द्वारा किया जाता है। इसके लिए कोई केन्द्रीकृत विभाग नहीं है। इस शाखा का प्रमुख अतिरिक्त महानिदेशक स्तर का अधिकारी होगा। शाखा में कर्नल के स्तर के तीन अधिकारी तीनों सेनाओं से होंगे। ये पद सेना मुख्यालय के मौजूदा पदों में से ही सर्जित किये जायेंगे।
मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान देते हुए सेना उप प्रमुख के अधीन विशेष मानवाधिकार विभाग बनाया जायेगा जिससे मानवाधिकार संधियों और मूल्यों को प्राथमिकता दी जा सके। इस विभाग का प्रमुख मेजर जनरल रैंक का अधिकारी होगा। यह विभाग मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की जांच के लिए नोडल केन्द्र के रूप में काम करेगा। पारदर्शिता और विशेषज्ञता के लिए पुलिस से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी की विभाग में प्रतिनियुक्ति की जायेगी।