कोलकाता, 26 जुलाई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की भर्ती में करोड़ों रुपये
के घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पाया है कि मंत्री पार्थ चटर्जी के पास अपने चार पालतू कुत्तों
के लिए एक वातानुकूलित अपार्टमेंट था। ईडी के अधिकारी पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ
चटर्जी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी बड़ी संपत्तियों की छानबीन कर रहे हैं।
ईडी के अधिकारी ऐसी संपत्तियों को तीन श्रेणियों में अलग करने की कोशिश कर रहे हैं-चटर्जी के सीधे स्वामित्व
वाली संपत्तियां, उनके करीबी विश्वासपात्रों या अर्पिता मुखर्जी जैसे सहयोगियों के साथ संयुक्त रूप से उनके
स्वामित्व वाली संपत्ति और वैसी संपत्ति जो उन्होंने अपने सहयोगियों को उपहार में दी थी। ईडी के अधिकारी चटर्जी
के स्वामित्व वाले एक आलीशान फ्लैट को देखकर चकित रह गए। चटर्जी इस समय राज्य के वाणिज्य और
उद्योग मंत्री हैं। उनके चार पालतू कुत्ते एसी लगे अपार्टमेंट में रहते हैं। संयोग से, मंत्री का यह आवास दक्षिण
कोलकाता के टॉलीगंज में उसी पॉश डायमंड सिटी कॉम्प्लेक्स में है, जिसमें उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी
का आवास है, जहां से ईडी ने भारतीय और विदेशी मुद्राओं के रूप में विशाल खजाना बरामद किया है।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हमारे अनुमान के अनुसार, पालतू कुत्तों को समर्पित वातानुकूलित फ्लैट का
अनुमानित बाजार मूल्य 1 करोड़ रुपये से अधिक होगा। हमारे पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, अर्पिता मुखर्जी
का आवास उसी परिसर में है, जहां से भारी मात्रा में नकद राशि बरामद की गई थी। यह आवास चटर्जी ने उन्हें
उपहार में दिया था। इसके अलावा उसी परिसर में दो अन्य फ्लैट हैं, जिनमें से एक का स्वामित्व मंत्री के पास है
और दूसरे का अर्पिता मुखर्जी के पास।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों के पास बीरभूम जिले के बोलपुर-शांति निकेतन, हुगली जिले के जंगीपारा,
हावड़ा जिले के डोमजुर और दक्षिण 24 परगना जिले के जोका में कई आवास हैं, जो सीधे चटर्जी के स्वामित्व में
हैं या संयुक्त रूप से स्वामित्व में हैं। अधिकारी ने कहा, इन संपत्तियों के श्रेणी-वार अलगाव के साथ-साथ
अनुमानित बाजार मूल्य के आधार पर हम इसका मूल्यांकन कर रहे। इसके अलावा ईडी ने पश्चिम मिदनापुर जिले
के खड़गपुर अनुमंडल के अंतर्गत पिंगला में एक निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी के स्कूल का पता लगाया है, जिसका
नाम मंत्री की मृत पत्नी बबली चटर्जी के नाम पर रखा गया है। ईडी के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, जिस
जमीन पर स्कूल बना है, उसकी कीमत 45 करोड़ रुपये है, जिसका भुगतान उस समय किया गया था, जब चटर्जी
राज्य के शिक्षा मंत्री थे।