जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना है। टाइम की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल्टन्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद ज़ुबैर शांति के लिए दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कारों के लिए नामांकित हुए लोगों में शामिल हैं.
आपको बता दे यह नामांकन नॉर्वे के सांसद और ओस्लो का पीस रिसर्च संस्थान (PRIO)करते हैं.
ज़बैर को इसी साल जून में साल 2018 के एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली पुलिस की एफआईआर के अनुसार, “यह ट्वीट बेहद भड़काऊ और दो धर्मों के बीच नफरत उकसाने वाला था.
” लेकिन ज़ुबैर की गिरफ्तारी की दुनियाभर में निंदा की गई थी. इसके बाद पत्रकारों की रक्षा करने के लिए बनी एक गैर-सरकारी कमिटी ने कहा था कि यह भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए एक नई गिरावट है.
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जहां सरकार सांप्रदायिक मामलों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के लिए विरोधी और असुरक्षित माहौल बना रही है.
ज़ुबैर एक महीने बाद तिहाड़ जेल से लौटे थे. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी.
आपको इसी के साथ साथ बता दे की इसी साल २०२२ के लिये शांति के लिये नोबेल पुररस्कारों की दौड़ में कुल 343 लोगो के नाम उम्मीदवार की तोर पर तय किया गये है। इनमें से 251 व्यक्ति हैं और 92 संस्थान हैं.
हालांकि नोबल पुरस्कार कमिटी नामांकित लोगों का नाम ज़ाहिर नहीं करती है, ना ही मीडिया , ना ही उम्मीदवारों को इसकी जानकारी होती है.
लेकिन रॉयटर्स के एक सर्वे ने पता लगाया है कि बेलारूस की विपक्षी नेता स्वितलाना, ब्रॉडकास्टर डेविड एटेनबर्ग, क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, पोप फ्रांसिस, तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे और म्यामार की नेशनल यूनिटी सरकार को नॉर्वे के सांसदों ने चुना है.
बताया जा रहा है की चुने गये उम्मदवारो मै से शांति पुरस्कारों की घोषणा ओस्लो में 7 अक्टूबर को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 11 बजे की जाएगी.
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