नई दिल्ली । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने आयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन लि. (ओएनजीसी) के खिलाफ तेल खोज कार्य में जलपोत किराये पर लेने से संबंधित अनुबंध से जुड़े कुछ प्रावधानों में कथित रूप से अपने दबदबे की स्थिति का लाभ उठाने की शिकायत को खारिज कर दिया। प्रतिस्पर्धा नियामक ने जून, 2018 में ओएनजीसी के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। नियामक ने प्रथम दृष्टया पाया था कि ओएनजीसी ने प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन किया है। यह शिकायत विभिन्न जलपोत मालिकों के संगठन इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन (आईएनएसए) ने दायर की थी। अपनी खोज और उत्पादन गतिविधियों के लिए ओएनजीसी को समुद्री क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के लिये जलपोत की जरूरत होती है। इसी संबंध में कंपनी ने अपतटीय समर्थन जलपोत (ओएसवी) आपूर्तिकर्ताओं के लिए निविदा निकाली थी। आईएनएसए ने ओएनजीसी के चार्टर हायर एग्रीमेंट (सीएचए) के बारे में शिकायत की थी। इसमें एक प्रावधान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को एकतरफा तरीके से करार समाप्त करने का अधिकार भी था। आईएनएसए का कहना था कि करार की यह शर्त ओएनजीसी की अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने की प्रकृति जैसी है।