नई दिल्ली, 02 अगस्त । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के स्थानीय सिनमेाघरों के खिलाफ कथित अनुचित व्यापार गतिविधियां अपनाने की शिकायत को खारिज कर दिया है। आयोग ने कहा कि सामूहिक रूप से बाजार में मजबूत स्थिति के विचार को अब तक भारतीय प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में मान्यता नहीं मिल सकी है। तेलुगू भाषा में डब फिल्मों के वितरक अशोक वल्लभनेनी की ओर से दायर शिकायत पर सुनवाई करते हुए आयोग ने यह आदेश दिया। वल्लभनेनी ने कहा कि उन्होंने तमिल फिल्म ‘पेट्टा’ के तेलुगू डब का आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में प्रदर्शन का अधिकार खरीदा था। इस फिल्म को जनवरी, 2019 में रिलीज किया जाना था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय सिनेमाघरों में कारोबारी साठगांठ के कारण उनके आग्रह के बावजूद ‘पेट्टा’ की रिलीज के लिए पर्याप्त संख्या में स्क्रीन नहीं उपलब्ध कराये गए थे। उस दौरान रिलीज तेलुगू फिल्मों ‘एफ2’, ‘विनय विधय राम’ और ‘एनटीआर कथ्यानायाकुडु’ के कारण उनकी फिल्म को पर्याप्त स्क्रीन नहीं उपलब्ध कराये गए थे। वल्लभनेनी ने कहा कि इससे उन्हें बहुत अधिक नुकसान हुआ। हालांकि, सीसीआई वल्लभनेनी के आरोपों से सहमत नहीं दिखा और उसने कहा कि अब तक सामूहिक वर्चस्व को भारत में प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में मान्यता नहीं मिली। इसके बाद आयोग ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए इसका निपटारा कर दिया।