नई दिल्ली, 30 जुलाई । राज्यसभा में आज सदस्यों ने मानसून के दौरान नदियों में आने वाली बाढ और उससे होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया तथा सरकार से इस दिशा में कार्रवाई करने के मांग की। भारतीय जनता पार्टी के शिव प्रताप शुक्ल ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि मानसून के दौरान उत्तर भारत की अधिकांश नदियों में बाढ आती है और इससे हजारो गांव प्रभावित होते हैं। उन्होंने नदियों से गाद निकालने की मांग करते हुए कहा कि गाद के कारण नदियां उथली होती जा रही है। गर्मी में नदियां सूख जाती है। कुछ नदियां तो गायब होते जा रही है।
शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढिंढसा ने घध्घर नदी में आयी बाढ से पंजाब के किसानों का हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की। इस नदी में सुधार के लिए 137 करोड़ रुपये की परियोजना बनायी गयी थी और इसके पहले चरण को पूरा किया गया था लेकिन इसके दूसरे चरण का काम राशि के अभाव में नहीं हो रहा है। समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के इटावा, मैनपुरी और ओरैया जिले में कई नदियों के होने के बाद भी भूगर्भ जल के स्तर के गिरने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तालाबों को पुनर्जीवित नहीं किया जा रहा है और जल संकट के कारण पशुओं की कई नस्ले खत्म हो रही है। कांग्रेस के जयराम रमेश ने नदियों को जोड़ कर जल संरक्षण करने पर जोर दिया। नदियों को जोड़े जाने से मानसून के दौरान अतिरिक्त जल को बचाया जा सकता है।