मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने दूध की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए कहा है कि इस मिलावट की जांच और रोकथाम के साथ साथ इस अपराध में जेल की सजा समेत सख्त प्रावधान करने की जरूरत है। गिरिराज ने बुधवार को एक सम्मेलन में कहा कि सरकार डेयरी उद्योग के गुणवत्ता मानकों की समीक्षा करेगी। साथ ही पशु चारा उद्योग को विनियमित करने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि डेयरी उद्योग को दूध की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें दूध एकत्र करने से लेकर प्रसंस्करण तक हर स्तर पर मिलावट की जांच के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए। सिंह ने दूध एवं अन्य डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि मिलावट की जांच के लिए सरकार (केंद्र व राज्य), के साथ-साथ खाद्य नियामक एफएसएसएआई और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के नीति बनाने की आवश्यकता है। गिरिराज ने कहा, ” यहां सख्त प्रावधान लाने की जरूरत है ताकि मिलावट करने वालों को जेल भेजा सके। “उन्होंने कहा कि भारी घरेलू उत्पादन को देखते हुए दूध के आयात को मंजूरी देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सिंह ने कहा, ” दो दशक से अधिक समय से भारत दूध उत्पादन के मामले में पहले पायदान पर है। हाल में दुग्ध उत्पादन के 18.78 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया है। ” उन्होंने जोर दिया कि पिछले पांच साल में दूध उत्पादन में 5 करोड़ टन की वृद्धि हुई। यह पूर्ववर्ती सरकार में हासिल किए गए लक्ष्य से काफी अधिक है। केंद्रीय मंत्री ने आयात की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि आयात को मंजूरी देने की सरकार की कोई नीति नहीं है। उन्होंने कहा, ” हमारे यहां पर्याप्त उत्पादन है, इसलिए मैं दूसरे देशों से आयात की अनुमति क्यों दूंगा। सिंह ने दुग्ध संघों और निजी डेयरी को चिंता नहीं करने को कहा है। “

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