गाजियाबाद: लॉकडाउन के बाद शनिवार से ही गाजियाबाद के दिल्ली-आनंद विहार बॉर्डर में हजारों लोग मौजूद हैं। इन लोगों में अधिकतर मजदूर हैं जो अब किसी भी तरह बस घर जाना चाहते हैं। आनंद विहार बॉर्डर पर मौजूद इन लोगों ने अपना दर्द बयां किया। इनका कहना था कि पिछले दिनों दिल्ली के दंगों ने उन्हें बेरोजगार कर दिया था। अब कोरोना ने उन्हें बेघर कर दिया। दरअसल शनिवार से ही दिल्ली व अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में लोग अपने गृह जनपद जाने के लिए आनंद विहार बॉर्डर पहुंचे हुए हैं। इनमें कुछ ऐसे मजदूर भी हैं जो दिल्ली में हुए दंगों के चलते पहले ही काफी परेशानी पहले ही झेल चुके हैं। दिल्ली-गाजियाबाद के आनंद विहार बॉर्डर स्थित कौशांबी बस अड्डे पर तमाम ऐसे लोग परिवार के साथ पहुंचे हुए हैं जो किसी भी तरह अपने गांव जाना चाहते थे। दिल्ली के चांद बाग से अपनी पत्नी के साथ कौशांबी बस अड्डे पहुंचे शिवलाल ने बताया कि वह बेलदारी करके परिवार चलाते थे, लेकिन पहले दंगों की वजह से बेरोजगारी झेल रहे थे अब कोरोना के प्रकोप ने उन्हें अपने गांव जाने को मजबूर कर दिया है। सरकारों द्वारा लोगों को सुविधाएं देने के दावे पर शिवलाल ने कहा कि दिल्ली में बाहरी लोगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। रुपये खत्म हो चुके हैं, घर में राशन नहीं है और मकान मालिक किराए के लिए तगादा कर रहा है। ऐसे में अपने घर लौटने के अलावा कोई रास्ता नही बचा। हरियाणा के बहादुरगढ़ से करीब 50 लोगों के साथ पैदल ही कौशांबी बस अड्डे पहुंचे लक्ष्मी नारायण ने बताया कि वहां कंपनी में काम करते थे। कंपनी बंद हुई तो मालिक ने घर लौटने का फरमान सुना दिया। अब यहां छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के साथ बस अड्डे पर इस उम्मीद के साथ आए हैं कि घर तक जाने के लिए कोई बस मिल जाए।