नई दिल्ली । रीयल्टी क्षेत्र की दिग्ग्ज कंपनी डीएलएफ ने सिंगापुर की निवेश कंपनी जीआईसी के साथ अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी को नोएडा का शॉपिंग मॉल और कुछ जमीन के टुकड़े स्थानांतरित कर 3,100 करोड़ रुपये के बकाये का निपटान कर दिया है। डीएलएफ पर 2018 के अंत तक डीएलफ साइबर सिटी डेवलपर्स लि. (डीसीसीडीएल) का 8,700 करोड़ रुपये का बकाया था। यह डीएलएफ और सिंगापुर के सावरेन संपदा कोष जीआईसी की संयुक्त उद्यम कंपनी है। डीएलएफ ने निवेशकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में कहा कि एक जुलाई, 2019 तक डीसीसीडीएल का बकाया 8,700 करोड़ रुपये से घटकर 5,600 करोड़ रुपये रह गया है। इसके लिये कंपनी ने नोएडा शापिंग मॉल और कुछ भूखंड संयुक्त उद्यम के हवाले कर दिये जिसका मूल्य 3,100 करोड़ रुपये आंका गया। डीएलएफ ने उत्तर प्रदेश के नोएडा की मॉल आफ इंडिया परियोजना डीसीसीडीएल को स्थानांतरित कर दी गई है। इसका उपक्रम मूल्य 2,950 करोड़ रुपये आंका गया। इसके अलावा रीयल्टी कंपनी ने गुरुग्राम में 3.05 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन भी डीसीसीडीएल को स्थानांतरित की है। डीएलएफ ने दिसंबर 2017 में जीआईसी के प्रवर्तकों के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया। तब डीएलएफ प्रवर्तकों ने डीसीसीडीएल में अपनी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी 12,000 करोड़ रुपये में बेची थी। इस सौदे में डीसीसीडीएल में 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी की 9,000 करोड़ रुपये में जीआईसी के बेचने और बाकी बचे शेयरों को डीसीसीडीएल द्वारा 3,000 करोड़ रुपये में खरीदने का सौदा किया गया। डीसीसीडीएल में डीएलएफ के पास 66.66 प्रतिशत और जीआईसी के पास 33.34 प्रतिशत हिस्सेदारी है।