सैन फ्रंसिस्को,। रूस की ही तरह चीन ने भी सोशल मीडिया का प्रयोग अपने पक्ष में माहौल बनाने और भ्रामक सूचनाएं फैलाने के लिए शुरू कर दिया है। हॉन्ग कॉन्ग में चीन के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को हिंसक और युद्ध जैसे हालात फेसबुक और ट्विटर अकाउंट के जरिए बताया जा रहा है। पिछले कुछ सप्ताह से चीन से जुड़े कई ट्विटर और फेसबुक अकाउंट का प्रयोग हॉन्ग कॉन्ग प्रदर्शन के खिलाफ भ्रामक प्रचार के लिए किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के खिलाफ भ्रामक सूचना फेसबुक और ट्विटर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए मंगलवार को बयान जारी किया। दोनों सोशल मीडिया कंपनी ने कहा, ‘चीन से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए हॉन्ग कॉन्ग प्रदर्शन को हिंसक और चरम स्थिति तक पहुंचा हुआ बताने का प्रचार किया जा रहा है।’ कुछ दिन पहले ही चीन से संबंधित एक अकाउंट ने हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनकारियों की तुलना आईएस के आतंकियों से की। इसी तरह एक ट्विटर अकाउंट पर मेसेज दिया गया, ‘हम ऐसे कट्टर लोगों को हॉन्ग कॉन्ग में नहीं चाहते हैं। यहां से बस चले जाओ!’
फेसबुक और ट्विटर ने कहा कि ऐसे भ्रामक और प्रदर्शन के खिलाफ गलत जानकारी देनेवाले सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया गया है। फेसबुक ने कहा, ‘3 फेसबुक ग्रुप, 7 फेसबुक पेज और 5 अकाउंट्स को हॉन्ग कॉन्ग प्रदर्शन के खिलाफ भ्रामक जानकारी देने के कारण बंद कर दिया गया।’ ट्विटर ने भी जानकारी दी है कि 936 ऐसे अकाउंट्स को बंद कर दिया गया है।
ट्विटर ने 936 अकाउंट्स को बंद करने के साथ ही कहा कि राज्य प्रायोजित अकाउंट्स को भी बंद किया जाएगा। राज्य समर्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि यह प्रदर्शन पश्चिमी देशों के समर्थन से चल रहा है और हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शनकारी बेहद हिंसक हैं। ट्विटर ने यह भी खुलासा किया कि ये अकाउंट बहुत बड़े स्पैम नेटवर्क से जुड़े हैं और इस नेटवर्क के जरिए 2 लाख से अधिक अकाउंट्स का संचालन होता है।
ट्विटर ने यह भी कहा कि चीन आधारित अकाफंट्स की पुष्टि आईपी अड्रेस के जरिए हुई है। इनमें से कुछ अकाउंट्स का प्रयोग अनब्लॉक आईपी अड्रेस के जरिए किया गया। चीन में ट्विटर के प्रयोग पर बैन है। इसलिए कुछ अनब्लॉक आईपी अड्रेस इस बात की पुष्टि करते हैं कि इन्हें सरकार द्वारा समर्थन है।