मुंबई, जेट एयरवेज की मुंबई के बांद्रा कुर्ला परिसर स्थित संपत्ति के एक हिस्से पर एचडीएफसी के दावे के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक ने बुधवार को हस्तक्षेप याचिका दायर की। दिवालिया हो चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज पर सबसे अधिक ऋण स्टेट बैंक का ही कर्ज बकाया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मामले की सुनवाई को आठ अगस्त तक के लिए टाल दिया है। गिरवी रखकर ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी ने चार जुलाई को एनसीएलटी से कंपनी की बांद्रा कुर्ला परिसर की संपत्ति को दिवाला प्रक्रिया से बाहर रखने का अनुरोध किया था। एचडीएफसी का कहना है कि इस इमारत के तीन तलों को जेट एयरवेज ने 400 करोड़ रुपये के ऋण के एवज में गिरवी रखा था। स्टेट बैंक ने इसका विरोध करने के लिए हस्तक्षेप याचिका दायर की है। इसी बीच न्यायाधिकरण ने ग्रांट थॉर्टन के आशीष छौछरिया को जेट एयरवेज के लिए समाधान पेशेवर नियुक्त करने की अनुमति दे दी है। कंपनी 17 अप्रैल से अपना परिचालन बंद कर चुकी है। छौछरिया 20 जून से अंतरिम समाधान पेशेवर थे। ऋणदाताओं की समिति ने 81 प्रतिशत मतों के साथ उन्हें समाधान पेशेवर बनाए जाने पर सहमति जतायी है। जेट एयरवेज पर 36,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इसमें बैंकों समेत विभिन्न वित्तीय ऋणदाताओं ने 10,231 करोड़ रुपये के 37 दावे किए हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने भी कंपनी पर 1,644 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है।