नई दिल्ली, 02 अगस्त । केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेंं कई वर्षों से प्रतिबंधित छात्रसंघ को बहाल करने का मुद्दा शुक्रवार को लोकसभा में उठा।
बहुजन समाज पार्टी के कुंअर दानिश अली ने शून्यकाल के दौरान देश के शैक्षिक संस्थानों में छात्रसंघ की बहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश के बड़ी संख्या में ऐसे बड़े शैक्षिक संस्थान हैं जहां छात्रसंघ को बहाल नहीं किया गया है। अली ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाये गये असहयोग आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ देशभर में कई शैक्षिक संस्थानों का गठन किया गया था उनमें से ही एक जामिया मिल्लिया इस्लामिया है लेकिन बहुत दुर्भाग्य की बात है जामिया में 2005 के बाद से छात्रसंघ की बहाली नहीं हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामूली हिंसा का बहाना बनाकर पिछले चौदह साल से छात्रसंघ पर प्रतिबंध लगा रखा है। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में संघर्ष करके कई लोग सदन में आते हैं लेकिन विश्वविद्यालय में छात्रसंघ नहीं होने से युवा राजनीति में आने से वंचित रह जायेगा। उन्होंने छात्रसंघ बहाली के लिए सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की।