करगिल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना की शौर्य गाथा तथा बलिदान और
विजय की भूमि करगिल में वीर जवानों को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा कि दीपावली आतंक
के अंत का उत्सव है और सेना ने करगिल में आतंक का फन कुचलते हुए विजय पताका फहराया
था। प्रधानमंत्री बनने के बाद से जवानों के बीच दीपावली मनाने की अपनी परंपरा के तहत सोमवार
को यहां पहुंचे श्री मोदी ने दुश्मन को बेहद सख्त संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, “भारत पर बुरी नजर
डालने वालों को उनके दुस्साहस का उसी भाषा में करारा जवाब दिया जायेगा।”
जवानों के बीच नौवीं बार दीपावली मनाने पहुंचे प्रधानमंत्री ने सैन्यकर्मियों के साथ मुलाकात की और
उन्हें दीपोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “कई वर्षों से आप सब मेरा परिवार हैं, मेरी दीपावली
की मिठास और प्रकाश आप लोगों के बीच है, मेरी उमंग आप के पास है। यही मुझे बार-बार मां
भारती के वीर बेटे बेटियों के खींच लाती है।”
वर्ष 1999 की करगिल विजय का दीपावली के परिप्रेक्ष्य में उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा,
“दीपावली का अर्थ है आतंक के अंत के साथ उत्सव, आतंक के अंत का उत्सव और यही करगिल ने
भी किया था। करगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचला था। पाकिस्तान के साथ ऐसा
कोई युद्ध नहीं हुआ है जहां करगिल ने विजय पताका नहीं फहराया हो।” उन्होंने कहा कि कारगिल
का कुरूक्षेत्र भारतीय सेना के साहस और शौर्य का गवाह बन चुका है। यहां दुश्मन भारतीय सेना की
बहादुरी के आगे बौना बन जाता है।

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