नई दिल्ली,। उच्चतम न्यायालय से जम्मू-कश्मीर जाने की बुधवार को अनुमति मिलने के बाद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह घाटी से वापस आकर न्यायालय को ‘‘रिपोर्ट’’ करने के बाद ही मामले पर बात करेंगे। न्यायालय ने येचुरी को उनके पार्टी सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने के लिए जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद प्राधिकारियों ने तारिगामी को हिरासत में ले लिया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की एक पीठ ने येचुरी को निर्देश दिया कि जम्मू कश्मीर जाने के बाद वह सिर्फ तारिगामी से मिलें और अपनी यात्रा का इस्तेमाल किसी भी राजनीतिक उद्देश्य के लिए न करें। पीठ ने कहा कि अगर येचुरी किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि में शामिल होते हैं तो अधिकारी इस बारे में उच्चतम न्यायालय को बताने के लिए स्वतंत्र हैं। येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने मुझे श्रीनगर जाकर यूसुफ तारिगामी से मिलने की अनुमति दे दी है। न्यायालय ने मुझे उनके स्वास्थ्य के बारे में उसे ‘‘बताने’’ को कहा है। मैं उनसे मिलने, लौटने और अदालत को इसकी जानकारी देने के बाद ही विस्तृत बयान दूंगा।’’ माकपा नेता इस महीने जम्मू-कश्मीर जाने की दो बार कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने एक बार भाकपा महासचिव डी राजा और एक अन्य बार विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां जाने का प्रयास किया था। उन्हें जम्मू कश्मीर प्रशासन के आदेश पर दोनों बार श्रीनगर हवाईअड्डे से लौटना पड़ा था। उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रवेश नहीं करने दिया गया था।

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